विकाश कुमार/चित्रकूट: त्रेता युग के श्रवण कुमार की कहानी तो सब जानते होंगे. आज हम वैसे ही कलयुग के श्रवण कुमार की कहानी बताने जा रहे हैं जो अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए 13 किलो की श्रीराम की चरण पादुकाओं को सर पर रखकर लगभग 8 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए अयोध्या निकल चुके हैं. राम भक्त ने चित्रकूट पहुंचकर कामतानाथ मंदिर के दर्शन पूजन कर परिक्रमा लगाई है. हम बात कर रहे हैं हैदराबाद के एक बुजुर्ग राम भक्त की जो भगवान राम के दर्शन करने के लिए भगवान श्रीराम की चरण पादुकाओं को अपने सिर पर रखकर अयोध्या जा रहे हैं.

इस राम भक्त का नाम चल्ला श्रीनिवास शास्त्री है, जो 64 वर्ष के हैं. शास्त्री अपने साथ पंचधातु से बने खड़ाऊं लेकर अयोध्या जा रहे हैं. पांच धातुओं से बने खड़ाऊं पर सोना चढ़ाया गया है, जिसकी कीमत 65 लाख रूपये बताई जा रही है. शास्त्री का कहना है कि मेरे पिता अयोध्या में कार सेवा कर चुके हैं. पिता भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे. उनकी इच्छा थी कि अयोध्या में राम मंदिर बने अब वह नहीं रहें इसलिए मैं उनकी इच्छा पूरी कर रहा हूं. उनका कहना है कि 20 जुलाई से यात्रा शुरू करने के बाद उन्हें कुछ दिनों के लिए ब्रिटेन जाना पड़ा था. इस वजह से जब वह वापस आए और यह यात्रा दोबारा वहीं से शुरू की, जहां से यात्रा अधूरी छोड़कर वह ब्रिटेन गए थे.

चित्रकूट पहुंची यात्राशास्त्री फिलहाल अयोध्या से 272 किलोमीटर दूर चित्रकूट पहुंचे हैं. जहां वह चरण पादुकाओं को लेकर भगवान कामतानता मंदिर में दर्शन पूजन कर परिक्रमा लगाई है. इस समय वह इस्कॉन मंदिर में ठहरे हुए है जो भगवान श्रीराम के चरण पादुकाओं के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. राम भक्त के साथपांच और लोग भी हैं जो वह कल अयोध्या के लिए रवाना हो जाएंगे और वह अयोध्या पहुंचकर यह खड़ाऊं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे.

सभी शंकराचार्य ने की चरण पादुकाओं की पूजाइससे पहले शास्त्री चांदी की पांच ईंटे राम मंदिर को दान कर चुके हैं. शास्त्री भगवान राम के वनवास की उलटी दिशा में चल रहे हैं. यात्रा के दौरान उन्होंने रास्ते में पड़ने वाले तीर्थस्थलों के भी दर्शन किए, जैसे ओडिशा के जगन्नाथ पुरी, महाराष्ट्र के त्र्यंबक ज्योर्तिलिंग और द्वारका जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं. इसके साथ ही इन चरण पादुकाओं की पूजा सभी शंकराचार्य ने भी की है और चित्रकूट के पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने भी इन चरण पादुकाओं की पूजा की है. उनका लक्ष्य है कि वह अगले 10 दिनों में अयोध्या पहुंच जायेंगे.
.Tags: Ayodhya ram mandir, Chitrakoot News, Local18FIRST PUBLISHED : January 15, 2024, 21:14 IST



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