बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश के सियासत में चुनाव दर चुनाव कमजोर होती जा रही है. मायावती ने यूपी में बढ़ते ओबीसी के दखल के बीच अति पिछड़े समाज से आने वाले विश्वनाथ पाल को बसपा प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है. 2024 के लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी विश्वनाथ पाल के कंधों पर है. उनका दावा है कि इंडिया और एनडीए गठबंधनों से बड़े दल के रूप में बसपा उभरेगी.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ खास बातचीत में विश्वनाथ पाल ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के नतीजे चौकाने वाले होंगे. यूपी की सियासत में बीएसपी एक बड़ा रोल अदा करने जा रही है.

बसपा को कितनी सीटों पर जीत मिलेगी, इस सवाल पर विश्वनाथ पाल कहते हैं कि बसपा पूरे प्रदेश व देश में बड़ी मजबूती से चुनाव लड़ रही है. चुनावों से छह महीने पहले से यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर दो सेक्टरों का कैडर कैंप चल रहा था, जिसमें बड़ी संख्या में बूथ सेक्टर कमेटी और हर समाज के लोग उसमें इकट्ठा होते थे. उन्होंने कहा कि बीएसपी कैडर बेस पार्टी है. इससे पार्टी को बहुत बढ़िया परिणाम मिलेगा.

आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर से चुनौती पर उन्होंने कहा कि उनसे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं. चंद्रशेखर अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति के हितैषी बनते थे. इनके पहले उदित राज ने भी दल बनाया था. बाद में भाजपा में टिकट लेकर सांसद बन गए. ऐसे लोगों को समाज समझ चुका है. इन लोगों से बसपा को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

बसपा में पहली पंक्ति के नेता नहीं बचे है, इस पर विश्वनाथ पाल कहते हैं कि यह सब दल में होता है. भाजपा में देखें तो जितने बड़े चेहरे थे वह अब नजर नहीं आते. बसपा कांशीराम और मायावती द्वारा तैयार की हुई ऐसी नर्सरी है जो हर समाज के लोगों को भागीदारी दी गई. जो दूसरी जगह गए हैं, वह वहां चाहे जिस पद पर हो, लेकिन उनकी वह हैसियत जो बसपा में थी वह वहां नहीं है. किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बसपा दोबारा से फिर सर्व समाज के नेता को तैयार कर चुकी है. पूरे दम खम से चुनावी मैदान में हैं.

बसपा अपने उम्मीदवारों का नाम पहले ऐलान करती थी, लेकिन इस बार देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीएसपी को सभी सीट पर उम्मीदवार बहुत पहले मिल गए थे. हमारे यहां दूसरे दलों से अलग सिस्टम है. बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर हर लोकसभा क्षेत्र में पैनल प्रभारी घोषित कर दिए जाते हैं. उसके बाद जैसे-जैसे चरणबद्ध तरीके से चुनाव आगे बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे उम्मीदवारों की सूची जारी की जाती है.

बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन में शामिल नहीं होने पर विश्वनाथ पाल ने बताया कि गठबंधन के पास है क्या, पहली बैठक जब इन लोगों ने बिहार में की थी, उसी दिन बहन जी ने कहा था दिल मिले या न मिले, दल बंधन मिलाते रहें. वह रिजल्ट सामने आया है. मैंने तो पहले ही बोल दिया था कि जो यह इंडिया गठबंधन का पहाड़ तैयार कर रहे हैं उनके सारे पिलर भाजपा के भेजे हुए हैं. नितीश कुमार पूरे देश में इंडिया गठबंधन बनाने के लिए निकले थे, वही सबसे पहले भागकर भाजपा में चले गए.
.Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 19:26 IST



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