मेरठ. पश्चिम यूपी की सियासत में कई ऐसे परिवार हैं जिनकी कई पीढ़ियां राजनीति में सक्रिय रहीं. चाहे वो सहारनपुर में सपा कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी इमरान मसूद का खानदान हो या फिर कैराना में सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी इकरा हसन का परिवार हो. सहारनपुर और कैराना के ये सियासी परिवार इस बार भी राजनीति के चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश में है. इन दोनों ही परिवारों पर इस बार राजनीतिक विरासत बचाना बड़ी चुनौती है.

सबसे पहले बात कर लेते हैं कैराना लोकसभा सीट की. कैराना लोकसभा सीट पर इस बार सपा कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी है इकरा हसन. इकरा हसन के दादा से लेकर पिता राजनीति के पुरोधा माने जाते रहे हैं. इकरा हसन की मां भी सासंद रह चुकी हैं और भाई नाहिद हसन वर्तमान में कैराना सीट से ही सपा के विधायक हैं. इकरा हसन कैराना के पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी और कैराना सपा विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन है. 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक नाहिद हसन जेल में बंद थे और सपा ने उन्हें कैराना विधानसभा से अपना उम्मीदवार चुनाव था. इकरा हसन उसी दौरान चुनावी मैदान में उतरी और धुंआधार चुनाव प्रचार कर जेल में बैठे अपने भाई नाहिद हसन को जीत दिलाने में कामयाब रहीं थीं.

इकरा हसन का मुकाबला प्रदीप चौधरी सेइस बार इकरा खुद चुनावी मैदान में हैं. उनका मुकाबला राजनीति के महारथी भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी से है. कैराना लोकसभा सीट से वर्तमान भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी इस बार भी चुनावी ताल ठोंक रहे हैं. 2019 में प्रदीप चौधरी भाजपा से लोकसभा का चुनाव लड़े थे और बड़ी जीत हासिल की. प्रदीप चौधरी राजनितिक घराने से ताल्लुक रखते है. प्रदीप चौधरी सहारनपुर की गंगोह सीट से दो बार के विधायक व एक बार नकुड़ सीट से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. 2019 में कैराना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इकरा हसन के लिए अपनी राजनीतिक विरासत को बचाना बड़ी चुनौती है.

क्या इमरान मसूद बचा पाएंगे सियासी जमीन?वहीं सहारनपुर लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहां सपा-कांग्रेस गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी हैं इमरान मसूद. इमरान मसूद राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके चाचा मरहूम काजी रशीद मसूद 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्यसभा सदस्य रहे थे. 2007 के चुनाव में वह उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन के उम्मीदवार भी थे. मसूद परिवार गंगोह का रहने वाला है. गंगोह नगर पालिका परिषद पर ज्यादातर इसी परिवार का कब्जा रहा है. 2012 से 2017 तक इमरान के भाई नोमान यहां से चेयरमैन थे. काजी परिवार का गंगोह पालिका में दबदबा आजादी से पहले से रहा है. 2023 में सहारनपुर नगर निगम की मेयर सीट से बसपा ने इमरान मसूद के चचेरे भाई शाजान मसूद की पत्नी खदीजा मसूद को प्रत्याशी बनाया था. खदीजा मसूद रिश्ते में इमरान की समधन भी लगती हैं. ऐसे में सहारनपुर में इमरान के सामने अपने चाचा की विरासत और समधन की सियासत को बचाने की भी चुनौती है.

सहारनपुर से बीजेपी प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा हैं. राघव लखनपाल का भी खानदानी सियासी है. 1970 से ये परिवार भी सक्रिय राजनीति में है. देखने वाली बात होगी कि सियासत के चक्रव्यूह को भेदने में ये राजनीतिक घराने कितना कामयाब हो पाते हैं. सहारनपुर और कैराना दोनों ही लोकसभा सीटों पर आगामी उन्नीस अप्रैल को मतदान होना है.
.Tags: Loksabha Election 2024, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : April 15, 2024, 23:29 IST



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