प्रयागराज/अमित सिंह : भारतीय समाज में प्रायः देखा गया है कि मनचाहे बच्चे की प्राप्ति में होने के कारण नवजात को झाड़ी , सड़क या फिर डस्टबिन में फेंक दिया जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि यह नवजात विधिक रुप से दांपत्य जीवन में नहीं होते तो उन्हें भी ऐसा करना पड़ता है. ऐसे में ” आश्रय पालना स्थल ” योजना ने नवजातों के लिए एक नई दिशा प्रदान की है.

प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल परिसर में इसके लिए “आश्रय पालना स्थल” बनाया गया है. जिसमें कोई भी आकर अपने अनचाहे नवजात को सुरक्षित छोड़कर जा सकता है. खास बात है कि उनके ऊपर कोई विधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी.इसका शुभारंभ भी सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी व केशरी देवी पटेल ने फीता काटकर किया. दोनों सांसदों ने लोगों से अपील किया कि कोई भी अपने नवजात को फेंक कर भागे न बल्कि इस पालना में लाकर सुरक्षित रख दे.

नहीं होगी कोई विधिक कार्रवाई

जीवन संरक्षण अभियान, महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान उदयपुर के संस्थापक संचालक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि “आश्रय पालना स्थल” हाईटेक मोशन सेंसर से युक्त है जिससे की पालना स्थल में शिशु को छोड़ने के दो मिनट बाद चिकित्सालय के लेबर रूम में अपने आप घंटी बजेगी.इस दो मिनट के समय में छोड़ने वाला व्यक्ति आसानी से सुरक्षित रूप से वहां से जा सकेगा और इससे उसकी पहचान भी गोपनीय बनी रहेगी.

घंटी बजते ही चिकित्साकर्मी करेंगे काम

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया की आश्रय पालना स्थल की चिकित्सालय के लेबर रूम में घंटी बजते ही चिकित्साकर्मी द्वारा आश्रय पालना स्थल से शिशु को तत्काल प्राप्त कर उसकी चिकित्सकीय एवं व्यक्तिक देखभाल यथा उसको दूध पिलाना, साफ सफाई करना, स्वच्छ कपड़े पहनाना आदि की जायेगी. शिशु के स्वस्थ होने पर उसे तत्काल नजदीकी राजकीय मान्यता प्राप्त शिशु गृह में भेज दिया जाएगा.
.Tags: Local18, Prayagraj News, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2023, 11:46 IST



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