Mohammed Shami Struggle: टीम इंडिया के स्टार पेसर मोहम्मद शमी ने अपनी जीवन के जुड़े कई खुलासे किए हैं. वर्ल्ड कप 2023 में अपनी आग उगलती गेंदों से खूंखार बल्लेबाजों को भी पवेलियन का रास्ता दिखाने वाले शमी ने कभी पैसों की किल्लत में दिन काटे हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान वो सब बातें बताईं जो शायद ही किसी को पता होंगी. उन्होंने अपने भूत से जुड़े कई किस्से सुनाए हैं. इसमें उनके डोमेस्टिक क्रिकेट में टीम सिलेक्शन को लेकर भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. आइए आपको बताते हैं.
‘…मारकर भगा देते थे’मोहम्मद शमी ने हाल ही में PUMA इंडिया को दिए इंटरव्यू में कई खुलासे किए हैं, जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें यूपी रणजी की टीम से लात मारकर बाहर कर देते थे. शमी ने इस सेलेक्शन पर बताया, ‘मैं 2 साल तक यूपी रणजी ट्रॉफी टीम के लिए ट्रायल देने गया था, लेकिन जब भी फाइनल राउंड आता वो मुझे लात मारकर बाहर कर देते थे.’  शमी ने कहा, ‘जब पहले साल ट्रायल के बाद जब मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ, तो मैंने सोचा कोई बात नहीं. अगली बार फिर आएंगे, लेकिन अगले साल फिर ऐसा ही हुआ.’
भाई ने फाड़ दिया था फॉर्म
शमी ने बताया कि हेड सेलेक्टर ने एक ऐसा जवाब दे दिया था जिसके बाद मेरे भाई ने फॉर्म फाड़ दिया था. शमी ने कहा, ‘ये सब जो होता था भैया सब देखते रहते थे वह साथ रहते थे. वह इस मामले में काफी तेज थे. अगले साल फिर गए तो वही हुआ, वहां 1600 लड़के आए हुए थे और 3 दिन तक ट्रायल चलने वाले थे. भैया ने कहा मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा. यहां मेला चल रहा है. भैया ने सेलेक्शन हेड से बात की. भाई को उनसे ऐसा जवाब मिला जो उन्होंने कभी जिंदगी में सोचा नहीं था.’ शमी ने आगे बताया, ‘सेलेक्टर ने भैया से कहा अगर मेरी कुर्सी हिला सकते हो तो लड़का सेलेक्ट हो जाएगा. बहुत अच्छा है. नहीं तो सॉरी.’ शमी ने आगे बताया कि भैया ने एक ही जवाब दिया और इसके बाद फॉर्म फाड़ दिया था. उन्होंने कहा, ‘भैया ने जवाब देते हुए कहा हिलाने की बात छोड़ो इस कुर्सी को उल्टा भी कर सकता हूं. पॉवर तो मेरे पास इतनी है. लेकिन मुझे वो नहीं चाहिए. अगर दम है तो लेना. इसके बाद सेलेक्टर बोला दम वालों का यहां कोई काम नहीं है. इसके बाद भैया ने फॉर्म फाड़कर टेबल पर फेंका और बोले आगे के बाद यूपी नहीं देखेंगे हम दोनों.’
नहीं थे इतने पैसे 
शमी ने बताया कि यूपी के बात त्रिपुरा के लिए गया. उन्होंने बताया, ‘त्रिपुरा में भी मेरा चयन नहीं हुआ. इसके बाद कोच ने मुझे कोलकाता भेजा जहां एक क्लब ट्रायल था, लेकिन वहां जगह कम थी और मुझे रनअप लेने में दिक्कत होती थी. जब मैंने इसे लेकर कहा तो मुझे बताया गया कि इतनी ही जगह में रनअप लेना होगा. 8-10 गेंदें फेंकने के बाद मुझे रोक दिया गया, फिर बताया गया कि सेलेक्शन को लेकर आगे बताया जाएगा.’ शमी ने आगे बताया, ‘मेरे पास सिर्फ 1000 रुपए ही बचे थे 2500 रुपये लेकर चला था. खाने और ठहरने में पैसे खर्च हुए, लेकिन 2 दिन बाद भी मुझे नहीं बताया गया. मुझे क्लब के कप्तान ने बताया कि आपका सेलेक्शन लगभग तय है, लेकिन मैनेजर और सीईओ आगे बताएंगे. तीसरे दिन मुझे बताया कि आपका सेलेक्शन हो गया है, लेकिन आपको पैसे नहीं मिलेंगे. सिर्फ रहने और खाने को दिया जाएगा.’
25000 रुपए मिले थे
शमी ने बताया, ‘मैंने इस क्लब के लिए खेलते हुए 9 मैच में 45 विकेट लिए. इसके बाद मैनेजर ने मुझे 25 हजार रुपए और ट्रेन का टिकट दिया. इसका मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं था. मैंने घर जाकर 25 हजार रुपये मम्मी को दे दिए, लेकिन पापा ने मुझे ये पैसे लौटा दिए. पापा ने कहा ये तुम्हारी कमाई है तुम इस्तेमाल करो. मैंने इन पैसों से जूते और सामान खरीदे.’ शमी ने बताया कि मुझे काफी उन दिनों काफी स्ट्रगल करना पड़ा था.  



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