अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: बाबा विश्वनाथ का शहर बनारस अपने आप में अनोखा है. देश-विदेश से शांति और पूजा के लिए लोग आते है. शांति की खोज में आई रूसी महिला ने अपने बर्थडे पर तंत्र पूजा की दीक्षा लेते हुए सनातन धर्म को अपना लिया और फिर इंगा से इंगानंदमयी बन गई. वाराणसी के शिवाला घाट के करीब वागयोग पीठम में इंगानंदमयी ने यह दीक्षा ग्रहण की है.

बताते चलें कि इंगा रूस के मास्को की रहने वाली है. इस दीक्षा से पहले वो पूरी तरह से भारतीय वेशभूषा को धारण किया और फिर पूजा में बैठ कर सनातन धर्म की प्रक्रिया का पूरा पालन करते हुए उन्होंने हिन्दू धर्म को अपनाया और अनुष्ठान किया. इंगा ने पंडित आशापति त्रिपाठी के द्वारा दीक्षा प्राप्त की और दीक्षा लेने के बाद उन्होंने पूरे विधि-विधान से भगवान शिव का भी रुद्राभिषेक किया.

अशांति के कारण अपनाया हिंदू धर्मपंडित आशापति त्रिपाठी ने बताया कि यह अपने जीवन में शांति के तलाश के लिए वाराणसी पहुंचीं थी. उन्होंने बताया कि वैसे तो इन्होंने पहले से तांत्रिक दीक्षा प्राप्त की थी. लेकिन अशांति के कारण अब उन्होंने सनातन धर्म को अपना लिया है.इतना ही नहीं उन्होंने भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर रूस-यूक्रेन युद्ध के शांति की प्रार्थना भी की. सनातन धर्म अपनाने के बाद रूसी महिला इंगानंदमयी ने बताया कि अब उन्हें काफी शांति महसूस हो रही है.
.Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : February 10, 2024, 21:35 IST



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