रिपोर्ट – मंगला तिवारी

मिर्जापुर: इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है. यह बात मां विन्ध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. आर. बी. कमल पर सटीक बैठती है. डॉ. आर. बी. कमल ने जब से पदभार संभाला है. लगातार हॉस्पिटल की सूरत बदलने में लगे हैं. अब प्रधानाचार्य के प्रयासों से मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित मंडलीय अस्पताल में माइक्रो बायोलॉजी की जांचें हो सकेंगी. इसके लिए लैब स्थापित हो गया है. जहां गंभीर संक्रामक बीमारियों की पहचान कर मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा सकेगा.

मंडलीय अस्पताल में सभी तरह के मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधाएं मिल सके इसके लिए इसको लगातार अपग्रेड किया जा रहा है. अब यहां एलाइजा मशीन के द्वारा माइक्रो बायोलॉजी के सीरोलॉजी तथा इम्यूनोलॉजी लैब में डेंगू, हेपेटाइटिस B तथा C, चिकनगुनिया, जापानी एनसेफेलिटिस, मलेरिया आदि संक्रामक रोगों की जांच व सत्यापन का कार्य किया जाएगा.

पहले मरीजों को जाना पड़ता था निजी लैबगौरतलब हो, मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित मंडलीय अस्पताल में रोजाना करीब पंद्रह सौ से दो हजार मरीजों की ओपीडी होती है. यहां खून से जुड़ी करीब पांच सौ से अधिक मरीजों की रोजाना जांचें होती हैं. माइक्रोबायोलॉजी जांचों (microbiology tests) के लिए मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसके लिए उन्हें वाराणसी या प्रयागराज का रुख करना पड़ता था. हालांकि अब हॉस्पिटल में नई माइक्रो बायोलॉजी लैब स्थापित होने के बाद मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी.अब मरीजों को मिलेगा प्रॉपर ट्रीटमेंटमेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल ने बताया कि पिछले अस्पताल में माइक्रो बायोलॉजी लैब से संबंधित जांच के लिए सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता था. इसके लिए हमने दो मशीनें इंस्टाल कर ली है. एलाइजा के लक्षण मरीजों में काफी दिन बाद दिखाई पड़ते हैं. इसके वजह प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं हो पाता था. अब इन संक्रामक बीमारियों के जांच और सत्यापन होने से गंभीर मरीजों इलाज में आसानी होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Mirzapur news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : December 19, 2022, 18:54 IST



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