रिपोर्ट- मंगला तिवारीमिर्जापुर: 25 दिसंबर यानी आज के दिन ईसाई समाज के लोग गिरिजाघरों में एकत्रित होकर प्रभु येशु का जन्मदिन मनाते हैं. उत्तर प्रदेश में ब्रिटिश हुकूमत के दौर के कई प्राचीन गिरिजाघर आज भी मौजूद हैं, जहां प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में अनुयायियों की भीड़ इकट्ठा होती है. आइए आज आपको मिर्जापुर जिले में स्थित करीब 178 वर्ष पुराने इमैनुअल चर्च का दिलचस्प इतिहास बताते हैं.

मिर्जापुर जिले के बीचों-बीच स्थित इमैनुअल चर्च की अनोखी बनावट इस अन्य गिरिजाघरों से खास बनाती है. इस चर्च के लगा हुआ मिशन कंपाउंड मोहल्ला बसा हुआ है, जहां ज्यादातर ईसाई समाज के लोग ही रहते हैं. यह जिले का प्रमुख और प्राचीन गिरिजाघर है. चर्च के पादरी फादर सुरेश मसीह ने बताया कि इमैनुअल चर्च जैसी बनावट देश में सिर्फ दो जगह नैनीताल व शिमला में ही देखने को मिलती है. प्राचीन गोथिक शैली में बने इस ऐतिहासिक चर्च को लाल व सफेद रंग में रंगा गया है, जो इसके आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.

1844 ई. में हुआ था स्थापनापादरी सुरेश मसीह ने बताया कि इस चर्च की स्थापना 1844 ई. में बालस्टन मिशनरी सोसाइटी की तरफ से मीरजापुर में कार्यरत पादरी मैथ्यू विलियम ने किया था. बाद में बाइबल मिशनरी चर्च सोसाइटी ने बचे हुए कार्य को पूरा कराया. उन्होंने बताया कि इस चर्च के गौरवशाली इतिहास से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं किया गया है. चर्च का प्रार्थना सभागार जिस तरीके से बनाया गया था वह आज भी यथावत है.

इस चर्च से लोगों की जुड़ी है आस्थापादरी सुरेश मसीह ने बताया कि ईसाई समाज के लोगों की इस चर्च से काफी आस्था जुड़ी है. प्रमुख पर्वों पर यहां विशेष प्रार्थना होने के साथ ही क्रिसमस पर्व पर यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि यहां लोग अपनी विभिन्न प्रकार की समस्याओं को लेकर आते हैं और समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Christmas, Mirzapur newsFIRST PUBLISHED : December 25, 2022, 14:48 IST



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