Gold vs Equity investment: शेयर बाजार (Stock Market) और सोना (Gold) में से किसमें निवेश करना बेहतर होगा? क्या मौजूदा दौर में आप भी इस दुविधा में हैं? ऐसे समय में जब गोल्ड और सेंसेक्स दोनों ही अपने अपने सेगमेंट में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं, आप अपनी गाढ़ी कमाई को कहां लगाएं? निश्चित तौर पर आप भी इस तेजी का फायदा लेना चाहती होंगी, भविष्य को ध्यान में रखते हुए क्या फैसला सही होगा?

देखा जाए तो इक्विटीज और गोल्ड दोनों ने ही अपने अपने वर्ग विशेष में पिछले एक साल ही नहीं, पांच और दस साल में अच्छा रिटर्न दिया है. हालांकि एक दिलचस्प बिहेवियर भी देखा गया, जब शेयर बाजार लड़खड़ाता है तो लोग गोल्ड में निवेश की ओर भागते हैं. सोना अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश माना जाता है. मगर यदि गौर करें तो लॉन्ग टर्म में निवेश के दोनों विकल्पों ने बेहतरीन रिटर्न दिया है. ऐसे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं, निवेश को लेकर क्या होनी चाहिए आपकी रणनीति:

सोना, चांदी, निफ्टी 50, सेंसेक्स और बैंक निफ्टी, मिंट की रिपोर्ट में दिए आकंड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. यदि इन्हें ईयर-टू-डेट (YTD) से कंपेयर करें तो पता चलता है कि गोल्ड ने 13 फीसदी और चांदी ने 8 फीसदी का रिटर्न निवेशकों को दिया है. निफ्टी 50 इंडेक्स 2024 में 4.65 फीसदी और बीएसई सेंसेक्स 3.83 फीसदी जबकि बैंक निफ्टी इंडेक्स ने करीब 1.56 फीसदी की तेजी दर्ज की है. प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों में निफ्टी 50 इंडेक्स 2024 में 4.65 प्रतिशत बढ़ा है, बीएसई सेंसेक्स 3.83 प्रतिशत बढ़ा है जबकि बैंक निफ्टी इंडेक्स इस साल लगभग 1.56 प्रतिशत बढ़ा है. जाहिर है कि इन्होंने 2024 में एक नया शिखर छूने के बावजूद सोने और चांदी ने YTD टाइम में शेयर मार्केट के बेंचमार्क सूचकांकों को पीछे छोड़ दिया है. (यह भी पढ़ें- गृहिणी हैं, न नौकरी करती हैं न बिजनेस, फिर भी फाइल करना होगा इनकम टैक्स रिटर्न! जानें नियम)

सवाल उठता है कि क्या ऐसे में आपको अपनी निवेश की रणनीति को बदलना चाहिए. क्या आपको इक्विटीज के बजाय गोल्ड में निवेश बढ़ा देना चाहिए. इस सवाल के जवाब निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि इक्विटीज वोलाटाइल एसेट क्लास है लेकिन लॉन्ग टर्म में रिटर्न बेहतर होता है. निवेश करते समय आप एसेट अलोकेशन का ध्यान रखते हैं. यह ऐसे ही है जैसे कहा जाता है कि सभी अंडे एक ही बास्केट में नहीं रखने चाहिए. यह बात इस वक्त भी लागू होती है. ऐसे में गोल्ड, इक्विटीज और डेट (पीपीएफ, सीनियर सिटीजन से स्कीम्स जैसी योजनाएं व विकल्प आदि) तीन महत्वपूर्ण असेट क्लास में निवेश करना चाहिए.

इक्विटीज में निवेश vs गोल्ड में निवेश.. कब और कितना..

कितना निवेश करना है यह इस पर निर्भर करता है कि आपकी रिस्क लेने की क्षमता क्या है. कई बार रिस्क लेने की क्षमता का व्यक्ति की आयु से कनेक्शन नहीं भी हो सकता है इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है कि असेट अलोकेशन इसी क्षमता के आधार पर तय किया जाए. निवेश की कुशल रणनीति के तहत 75 फीसदी इक्विटीज, गोल्ड में 10 फीसदी और डेट में 15 फीसदी का अलोकेशन किया जा सकता है. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.

हालांकि जैन कहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ कम जोखिम वाले उत्पादों की ओर आपका रुख और जरूरत हो सकती है लेकिन केवल एज क्राइटीरिया नहीं है क्योंकि यदि जोखिम लेने की क्षमता अधिक है तो आप अपने हिसाब से पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं. वह कहते हैं कि मार्केट और मेटल प्राइस में उतार चढ़ाव से इतर निवेश करना बेहतर माना जा सकता है. वह कहते हैं कि ज्यादा रिस्क अक्सर ज्यादा रिटर्न.
.Tags: Asset allocation, Business news in hindi, Equity scheme, Gold Prices Today, Share market, Stock market, Women’s FinanceFIRST PUBLISHED : April 11, 2024, 10:57 IST



Source link