[ad_1]

मुंबई में एक सरकारी अस्पताल की लापरवाही सामने आई है, जिसने एक परिवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. भांडुप की रहने वाली 26 वर्षीय सहिदुन निसा अंसारी को सोमवार को नगरपालिका के सुषमा स्वराज मातृत्व सदन में सी-सेक्शन द्वारा बच्चे को जन्म देना था. लेकिन आरोप है कि अस्पताल में बिजली नहीं होने के कारण ऑपरेशन मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में करना पड़ा.
मृतका के परिजन बताते हैं कि ऑपरेशन के दौरान पैदा हुआ लगभग 4 किलो वजनी बच्चा मृत पैदा हुआ था. वहीं, सहिदुन निसा को उसी रात मध्यरात्रि के बाद सिऑन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटों बाद उन्हें भी मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना से परिवार पूरी तरह टूट चुका है. परिजनों ने जवाब मांगते हुए मंगलवार और बुधवार को अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
अस्पताल पर लापरवाही के आरोपइस घटना ने अस्पताल की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं यदि अस्पताल में आपातकालीन बिजली आपूर्ति की उचित व्यवस्था होती तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था. टॉर्च की रोशनी में इतना जटिल ऑपरेशन करना मरीज की सेहत के लिए खतरा हो सकता है.
सरकारी जांच कमेटी का गठनबृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने इस मामले की जांच के लिए डॉक्टरों सहित 10 सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह समिति गुरुवार को बैठक करेगी. फिलहाल यह घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है.

[ad_2]

Source link