सिमरनजीत सिंह/ शाहजहांपुर. देश की आजादी में शाहजहांपुर का बड़ा योगदान रहा है, आजादी के लिए क्रांतिकारी धारा और गांधीवादी आंदोलन में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. देश की आजादी के लिए अहिंसा के रास्ते पर चलकर महात्मा गांधी ने तीन बड़े आंदोलन किए और इन सभी आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी शाहजहांपुर आए.जिसकी वजह से महात्मा गांधी शाहजहांपुर के लोगों के दिलों में आज भी बसते हैं.इतिहासकार डॉ विकास खुराना ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि महात्मा गांधी शाहजहांपुर में कुल चार बार आए.डॉ विकास खुराना कहते हैं कि महात्मा गांधी सबसे पहले असहयोग आंदोलन के दौरान 16 अक्टूबर 1920 को शाहजहांपुर आए और उन्होंने यहां खिलाफत मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया.संबोधन के दौरान लोगों को असहयोग आंदोलन में शामिल होने की अपील की.सविनय अवज्ञा के दौरान भी आए गांधी11 अक्टूबर 1929 को सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी शाहजहांपुर पहुंचे.यहां आर्य समाज मंदिर में रुके, इस दौरान उनके साथ कस्तूरबा गांधी और जेबी कृपलानी भी साथ में थे. महात्मा गांधी तीसरी बार 16 नवंबर 1929 को फिर शाहजहांपुर पहुंचे.यहां उन्होंने टाउन हॉल मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया और अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया. इतिहासकार डॉक्टर विकास खुराना बताते हैं कि 1946 में एक बार फिर महात्मा गांधी शाहजहांपुर पहुंचे.इस बार ट्रेन से कोलकाता जाते वक्त शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर रुके थे और स्टेशन पर ही कुछ देर के लिए लोगों से मुलाकात की.फिर आगे के लिए रवाना हो गए थे.गांधीवादी सोच में आज भी लोगों की आस्थाइतिहासकार डॉ विकास खुराना कहते हैं कि महात्मा गांधी को फॉलो करने वाले लोग आज भी शाहजहांपुर में मौजूद हैं और उनकी यादों को सहेजे हुए हैं. महात्मा गांधी की याद में टाउन हॉल गांधी भवन सभागार बनाया गया है.साथ ही शहर में दो जगह पर गांधी जी की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है.महात्मा गांधी के नाम पर गांधी पुस्तकालय भी बनाया गया है.महात्मा गांधी की शहादत के दिन पर शाहजहांपुर में ओसीएफ फैक्ट्री द्वारा दोपहर में हूटर बजा कर 2 मिनट का मौन रखा जाता है और इस दौरान शहर के आम और खास लोग भी श्रद्धांजलि में शामिल होते हैं..FIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 12:46 IST



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