ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय यानी KGMU विशेष इलाज के लिए प्रसिद्ध है. अब वह एक नई विधि के रूप में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों का इलाज प्रिसिजन मेडिसिन की मदद से करेगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग होगा. यह इलाज गंभीर मरीजों को कम समय में सटीक इलाज प्रदान करेगा. इसकी शुरुआत जल्द ही होगी और इसके लिए एक तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाएगी. इसमें देश-विदेश से करीब 550 विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल होंगे. इस कॉन्फ्रेंस में इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए प्रिसिजन मेडिसिन की मदद से नई जानकारी साझा की जाएगी.

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में स्थित क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अविनाश अग्रवाल ने बताया कि 7 फरवरी से तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ प्रिसिजन मेडिसिन और इंटेंसिव केयर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश-विदेश के डॉक्टर हिस्सा लेंगे और आईसीयू में प्रिसिजन मेडिसिन आधारित इलाज की जानकारी साझा करेंगे. इससे आने वाले पांच सालों में सभी आईसीयू में प्रिसिजन मेडिसिन आधारित इलाज की व्यापकता बढ़ेगी.

विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भटकना नहीं पड़ेगा

प्रो. अविनाश अग्रवाल ने बताया कि हर तरह के मरीजों को एक ही जगह पर इलाज मिलेगा, अलग-अलग विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भटकना नहीं पड़ेगा. इसके अलावा इसमें एआई, बिग डाटा समेत अन्य विधा को भी शामिल किया जायेगा. जिससे मरीज की जांच, लक्षण समेत अन्य पैरामीटर और पुराने डाटा को एआई की मदद से देखा जायेगा. इससे मरीज को क्या बीमारी होने वाली है. यह भी पता चल सकेगा. इतना ही नहीं मरीज को कौन सी दवा देनी, किस दवा से उसे नुकसान होगा. इस बात की जानकारी भी आसानी से पता चल जाएगी.

नि:शुल्क सुविधा तैयारी

क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने प्रिसिजन मेडिसिन आधारित इलाज की तैयारी की है. इस बात का भी ध्यान रखा है कि इसका भार मरीजों पर न पड़े. इसके लिए निशुल्क सुविधा पर विचार किया जा रहा है. विभाग अपने स्तर पर फंड की व्यवस्था करने की तैयारी कर रहा है. इस दौरान प्रो. अविनाश अग्रवाल ने बताया कि प्रिसिजन मेडिसिन चिकित्सा विज्ञान की वह विधा है, जिसके तहत मरीज की आवश्यकता अनुसार इलाज किया जाता है. इससे अब आईसीयू में भी प्रिसिजन मेडिसिन आधारित इलाज मरीजों को दिया जाएगा. क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. शांतनु ने बताया कि आईसीयू में भर्ती मरीज की जांच के परिणाम महज कुछ घंटों में मिल जाएंगे. इसके अलावा मरीज के लिए कौन सी दवा सही है. इसकी भी जानकारी हो सकेगी. यहां पर डीएनए आधारित जांच भी होगी.



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