मेरठ. गर्मी का सितम जारी है. समूचे यूपी के साथ पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पारा सातवें आसमान पर है. मेरठ में तापमान 43 डिग्री तक पहुंच चुका है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ये गर्मी अभी और झुलसाएगी.आने वाले एक हफ्ते तक एक भी बूंद बारिश की नहीं पड़ेगी. मेरठ में भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के साइंटिस्ट का कहना है कि ऐसे मौसम में अपनी फसल में किसान ज्यादा से ज्यादा सिंचाई करें. मौसम वैज्ञानिक एन सुभाष का कहना है कि मॉनसून कब एक्टिव होगा ये दो से तीन दिन बाद मालूम हो पाएगा.इधर भीषण गर्मी लोगों को बीमार कर रही है. प्रचंड गर्मी की वजह से अस्पताल में मरीजों की भी भरमार है. मेरठ के प्यारेलाल जिला चिकित्सालय की ओपीडी लगभग दोगुनी हो गई है. चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कौशलेंद्र ने बताया कि पहले जब गर्मी कम थी तो हर दिन आठ सौ से हजार तक मरीज आते थे. लेकिन अब ये संख्या पंद्रह सौ से दो हजार तक पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर मरीज बुखार या त्वचा रोग से ही संबंधित हैं. डॉक्टर कौशलेंद्र ने बताया कि लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए पर्ची काउंटर की संख्या चार से बढ़ाकर आठ कर दी गई है.बच्चे हो रहे शिकारभीषण गर्मी की वजह से खासतौर से बच्चे डायरिया का शिकार हो रहे हैं. स्थिति ये है कि बच्चा वॉर्ड के बेड फुल होने लगे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी बच्चों के पाचन तंत्र को बिगाड़ रही है. अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को इलाज करवाने में ही पसीने छूटने लगे हैं. भीषण गर्मी और भीड़ की वजह से चिकित्सकों को दिखाने और दवा लेने में ही भारी मशक्कत करनी पड़ रही है. घंटों तक कतारों में लगने के बाद भी मरीजों का नंबर नहीं आ पा रहा है. जिला अस्पताल हो या मेडिकल कॉलेज सभी अस्पतालों में मरीजों का भार बढ़ गया है, जबकि स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है. लंबी कतारों के चलते मरीजों और स्टाफ के बीच नोकझोंक की स्थिति तक बनने लगी है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : June 10, 2022, 19:59 IST



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