गाज़ियाबाद. ‘इन्हीं पत्थरों पे चल के अगर आ सको तो आओ/मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशां नहीं है’, एनसीआर और यूपी की औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले गाजियाबाद के इंडस्ट्रियल इलाके की ये तस्वीरें आप देखेंगे तो शायद इस तरह कहें ‘इन्हीं गड्ढों और ऊबड़ खाबड़ रास्तों से आ सको तो आओ!’ यहां आना जाना मुहाल है, वो भी लंबे अरसे से. ऐसे रास्तों का असर सुनकर तो आप चौंक ही जाएंगे. पहला, फैक्ट्रियों तक सामान पहुंचना मुश्किल, दूसरा विदेशियों को होटलों में रुकवाना मजबूरी और तीसरा कामगार वेतन के दिन वेतन नहीं लेते…औद्योगिक नगरी के सबसे पुरानी औद्योगिक क्षेत्र की हालत खराब है. कई सालों से बुलंदशहर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें टूटी हुई हैं. मालवाहक वाहनों की आवाजाही से सड़कों पर गहरे गड्ढे पड़ गए हैं. इन सड़कों पर इंडस्ट्री की गाड़ी कैसे चलेगी? वाहन तो छोड़िए साहब, यहां कामगारों का पैदल चलकर फैक्ट्री तक पहुँचना मुश्किल है. डर तो यह है कि यहां की इंडस्ट्रियों का भविष्य चौपट न हो जाए! अब सवाल है कि इस हालत का जिम्मेदार आखिर है कौन?
इससे पहले आपको इस हाल के दोषी से मिलवाएं, यह भी जानिए कि इन हालात से समस्याएं किस तरह खड़ी हो गई हैं. इस औद्योगिक क्षेत्र में कई फैक्ट्रियों की यूनिटें हैं, जहां से रॉ मैटेरियल तैयार होकर देश-विदेश जाता है. यहां के कारोबारी बताते हैं कि कई बार विदेशी क्लाइंट यूनिट में विजिट करने आना चाहते हैं पर सड़कों की हालत ऐसी है कि यहां उन्हें बुलाने से डील ही न हो! ऐसे में गाजियाबाद के होटलों में ही हमें डील करनी पड़ती है.इधर, जिस दिन मजदूरों को वेतन दिया जाता है, उस दिन वो वेतन न लेकर किसी और दिन लेते हैं. सड़कों के साथ ही यहां लाइटें नहीं हैं. आपात स्थिति में किसी मदद के पहुंचने का भरोसा नहीं है इसलिए यहां लूटपाट का खतरा हमेशा रहता है. कई बार दिनदहाड़े महिला कामगारों से लूटपाट हो चुकी है. और हादसे तो आयेदिन की बात हैं ही… अब देखिए क्या है जिम्मेदारों का बयान.
बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र के सचिव शुमांशु चावला ने News 18 Local को बताया औद्योगिक क्षेत्रों से हर साल करीब 40 करोड़ रुपये नगर निगम को मिलते हैं. औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन सालों से सड़कें बनाने की मांग कर रही है लेकिन नगर निगम कभी फंड की कमी या कभी चुनाव का बहाना कर टालमटोल का रवैया ही अपनाता रहा है.News 18 Local ने इन मुद्दों पर नगर आयुक्त नितिन गौड़ से बात की. गौड़ ने कहा कि वह विभागों की मीटिंग लेकर सुनिश्चित करेंगे कि औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं का निपटारा किया जा सके. लंबे अरसे से यह बदहाली क्यों है? इस पर बस एक लंबी चुप्पी!ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 12, 2023, 13:33 IST



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