डॉ. डोरिलाल ने बताया कि वह आगरा में आंखों का इलाज करते थे. फिर उनको तकलीफ होने लगी, जब जांच कराया तो कैंसर की शिकायत सामने आई. बस उसी क्षण उन्होंने डॉक्टरी छोड़ दी और बचा हुआ जीवन भगवान की शरण में बिताने वृंदावन आ गए. यहां पर…



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