ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: तरबूज गर्मियों की मौसम में लोगों की पहली पसंद होता है. इसकी ठंडक और मिठास जहाँ एक ओर गर्मी से राहत दिलाती है,वहीं यह स्वास्थ्य के लिए भरपूर फायदेमंद भी साबित होता है. हालांकि,गर्मियों में इसकी बढ़ती मांग के चलते कई बार इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल का सहारा लिया जाता है,जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. केमिकल के प्रयोग से यह फल तेजी से पक जाता है और इसका रंग गहरा लाल दिखने लगता है.

अक्सर,उपभोक्ता इस पहचान में चूक जाते हैं कि कौन सा तरबूज प्राकृतिक रूप से पका है और कौन सा केमिकल से. ऐसे में केमिकल से पके तरबूज का सेवन न केवल स्वाद में कमी कर सकता है,बल्कि स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है. आइए इस लेख में हम आपको विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए कुछ आसान और प्रभावी तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप केमिकल से पके हुए तरबूज को आसानी से पहचान सकेंगे और अपने साथ-साथ अपने परिवार की सेहत का भी ख्याल रख सकेंगे.

अक्सर दाग और सफेद निशान होते हैं 

लखनऊ राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य और डीन, प्रोफेसर माखन लाल का कहना है कि अक्सर यह सुनने में आता है कि बाजार में बिकने वाले तरबूजों में केमिकल और इंजेक्शन का उपयोग होता है. इससे लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह उत्पन्न होती है कि वे असली और स्वाभाविक रूप से पके हुए तरबूज की पहचान कैसे करें? जो तरबूज जमीन पर उगाए जाते हैं,उनमें अक्सर दाग और सफेद निशान होते हैं, जो उनके प्राकृतिक रूप से पकने की निशानी होती है. हालांकि आजकल बाजार में मिलने वाले तरबूज अक्सर एक समान रंग के होते हैं और उन पर किसी भी प्रकार के दाग या निशान नहीं होते,जिससे यह संदेह होता है कि इन्हें केमिकल की सहायता से एक ही रात में पकाया गया है.

अंदर से खोखला होता है और मिठास में कमी

केमिकल्स के उपयोग से पकाए गए तरबूज की मिठास और स्वाद में प्राकृतिक रूप से पके तरबूज से काफी अंतर होता है.यदि तरबूज को काटने पर वह बाहर से गहरा लाल दिखाई देता है लेकिन अंदर से खोखला होता है और मिठास में कमी होती है,तो यह दर्शाता है कि तरबूज को केमिकल्स की सहायता से जल्दी पकाया गया है.इसके अलावा, अगर तरबूज के फाक को पानी में डालने पर वह तुरंत रंग छोड़ता है, तो यह भी एक स्पष्ट संकेत है कि तरबूज में कृत्रिम रंग और रसायनों का इस्तेमाल किया गया है.ऐसे तरबूज से स्वास्थ्य सम्बंधित जोखिम से जुड़े हो सकते हैं.

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की संभावना

प्रोफेसर माखन लाल के अनुसार,केमिकल युक्त तरबूज का सेवन स्वास्थ्य के लिए कई गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है.कैल्शियम कार्बाइड जैसे रसायनों का इस्तेमाल तरबूज को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है, जो नमी के संपर्क में आने पर एथिलीन गैस छोड़ता है.इस गैस के प्रभाव से पेट में खराबी और गैस की समस्या हो सकती है तथा बच्चों में सिरदर्द और त्वचा पर रैशेज उत्पन्न हो सकते है. इसके अलावा यह नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है और थॉयराइड संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है.लंबे समय तक इस प्रकार के तरबूज का सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है.

Note : ख़बरों की ओवरडोज के बीच, कभी आपसे किसी ने पूछा है कि आपको क्या पसंद है? खबर पढ़ना या वीडियो देखना. इसलिए Local-18 पूछ रहा है, आपको कैसी खबरें चाहिए? फॉर्म भरने में 1 मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा. क्योंकि हमारे जुड़ाव की कहीं से तो शुरुआत होगी…आइये सालों पुरानी कुछ आदतें बदलें! यहां क्लिक करें और सर्वे में हिस्सा लें…
.Tags: Hindi news, Local18, Tips and TricksFIRST PUBLISHED : April 15, 2024, 15:04 IST



Source link