Stomach Cancer Symptoms: कैंसर किसी भी तरह का हो, इसका हर रूप खतरनाक ही होता है. अगर समय रहते इसका पता चल जाए तब तो ठीक है, नहीं तो इसके इलाज में काफी दिक्कते आती हैं. ऐसे ही पेट का कैंसर भी होता है. पेट का कैंसर पेट की परत के अंदर कैंसर की कोशिकाओं के बढ़ने से होता है. इसे गैस्ट्रिक कैंसर कहा जाता है.
वक्त रहते इसी पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. क्योंकि लोगों को शुरुआती अवस्था में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं. ज्यादातर मामलों ये देखने में आता है कि पेट के कैंसर के लक्षण गंभीर या फिर लास्ट स्टेज में दिखाई देते हैं और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
पेट के कैंसर को बढ़ने में लगते हैं वर्षों दरअसल, शुरुआती स्टेज में पेट के कैंसर के सिम्टम्स न के बराबर नजर आते हैं. समय बढ़ने के साथ धीरे-धीरे इसके कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. आमतौर पर पेट के कैंसर को बढ़ने में वर्षों लग जाते हैं. ऐसे में समय रहते गैस्ट्रिक कैंसर के सिम्टम्स की पहचान करना जरूरी है, ताकि वक्त रहते इसका इलाज किया जा सके. आज हम आपको बता रहे हैं कि पेट के कैंसर के लक्षणों को शुरुआती अवस्था में कैसे पहचाना जाए. 
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जानें पेट के कैंसर के बारे में आजकल गैंस्ट्रिक कैंसर लोगों में तेजी से फैल रहा है. हमारी ग्रासनली से खाना गुजरते हुए पेट के ऊपरी हिस्से की एक थैली में जमा हो जाता है, जिसे आमाशय  कहा जाता है. आमाशय खाना लेकर गैस्ट्रिक रस स्त्रावित करके इसे पचाने में हमारी सहायता करता है. ऐसे में पेट में कैंसर उस समय होता है, जब आमाशय की कोशिकाओं की डीएनए में किसी तरह की कोई खामी या परेशानी आती है.
जब ये कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती है और ये कैंसर का रूप ले लेती हैं. इसे पेट का कैंसर कहा जाता है. इसके अलग-अलग प्रकार के लक्षण होते हैं. अगर आपको जैसे ही महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
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पेट के कैंसर के लक्षण1.मरीजों को शुरुआती अवस्था में उल्टी और मतली जैसा महसूस हो सकता है. 2.पेट में ब्लोटिंग की शिकायत लंबे समय तक रहना. 3.सीने में दर्द और जलन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 4.कम खाने के बावजूद भूख न लगता भी पेट के कैंसर का संकते है. 5.पेट में इंफेक्शन या कैंसर की समस्या होने पर व्यक्ति को बुखार महसूस होने लगता है. 6.ऐसे मरीजों को पेट में दर्द की समस्याओं का बहुत ज्यादा सामना करना पड़ सकता है.7.मल से खून आना भी पेट में कैंसर होने का संकेत हो सकता है. 8.लंबे समय तक डायरिया और कब्ज की समस्या को नजरअंदाज न करें. 9.पेट के कैंसर के मरीजों का रेड ब्लड सेल्स कम होने लगता है. 
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ऐसे कराएं पेट के कैंसर की जांच ब्लड टेस्ट – आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ब्लड टेस्ट कराएं. इसमें ब्लड में रिलीज किए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है. 
अपर एंडोस्कोपी- इसकी हेल्प से ग्रासनली, छोटी आंत और इसोफेगस में होने वाले बदलावों के बारे में पता किया जाता है. 
बायोप्सी – इसके जरिए शरीर के कुछ ऊतकों का सैंपल लिया जाता है. इन ऊतकों में कैंसर सेल्स होने की जांच की जाती है. 
सीटी स्कैन – इसके जरिए कंप्यूटर पर तस्वीरों के माध्यम से कैंसर की पहचान की जाती है. 
अल्ट्रासाउंड – इस टेस्ट के जरिए पेट के अंदर की तस्वीरों के जरिए पेट के कैंसर के बारे में पता लगाया जाता है. 
डिस्क्लेमरः इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि, इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिंदी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.
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