SDM Story: एसडीएम ज्योति मौर्या (SDM Jyoti Maurya) और अलोक मौर्या (Alok Maurya) की आपसी विवाद का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. सोशल मीडिया (Social Media) पर इस मामले को लेकर तरह-तरह के मीम भी वायरल हो रहे हैं. इसके साथ ही SDM का पद भी चर्चा का विषय बना हुआ है. SDM बनने के लिए किसी भी उम्मीदवारों को PCS या UPSC की परीक्षा पास करनी होती है. ज्योति मौर्या ने साल 2015 में UPPSC की परीक्षा पास करके 16वीं रैंक हासिल की थीं. वह यूपी के सीनियर PCS Officer में गिनी जाती हैं. अभी हाल ही में वह SDM बनीं थी और उन्हें उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में तैनात किया गया था.

बरेली जिले की SDM ज्योति मौर्य (Jyoti Maurya) का जन्म 1987 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था. ज्योति ने अपनी स्कूली शिक्षा प्रतापगढ़ के एक स्थानीय स्कूल से पूरी की. ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद ज्योति ने PCS की तैयारी शुरू कर दी थी. पढ़ाई के बीच में ही उनकी शादी आलोक कुमार मौर्या से हो गई थी.

SDM (Sub Divisional Magistrate)भारत की कानूनी और प्रशासनिक प्रणाली में SDM की शक्तियां, भूमिकाएं और जिम्मेदारियां अलग-अलग होती हैं. सेक्शन 23 Cr.P.C के अनुसार SDM डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का अधीनस्थ होता है. सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट की मुख्य जिम्मेदारी उस विशेष जिले में कानून प्रबंधन की देखभाल करना है, जहां वे तैनात हैं.सेक्शन 109,107/151,133,145,110, एवं 146 Cr.P.C के तहत एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट को कई प्रशासनिक सुविधाएं और शक्तियां प्राप्त होती हैं. वहीं सेक्शन 20(4) Cr.P.C के तहत लेजिस्लेटिव सिस्टम के तहत सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट को राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया जाता है, जो संबंधित जिले के सब डिवीजन का पूरा प्रभार रखता है.

SDM का होता है ये बॉस (Who is Boss of SDM)डिस्ट्रिक्ट किसी राज्य के प्रशासनिक डिवीजन हैं, जिसे सिस्टमैटिक तरीके से चलाने के लिए उसे सब डिवीजन में बांटा गया है. ये सब डिवीजन सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, सब डिवीजनल ऑफिसर और तहसीलदार द्वारा चलाए जाते हैं. SDM जिले की बड़ी तहसील के कामकाज को सुविधाजनक बनाते हैं. वह राजस्व कार्य में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह भू-राजस्व के असिस्टेंट के रूप में कार्य करता है. वह इस बात की निगरानी करता है कि कानून लागू हो रहे हैं या नहीं और उसके अनुसार आदेश जारी कर सकता है. उसे गिरफ्तार करने, आवश्यकता पड़ने पर आंसू गैस का उपयोग करने का आदेश जारी करने और कर्फ्यू के दौरान क्षेत्रों को कवर करने का भी अधिकार है. SDM को लिपिकीय कार्य में जिला मजिस्ट्रेट की सहायता करने का अधिकार है. वह डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के समन्वयक के रूप में कार्य करता है और उनकी सहायता करता है. यदि आवश्यक हो तो उसे किसी भी मामले में स्वतंत्र जांच स्थापित करने का भी अधिकार है.

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.Tags: SDM, UPPSC, UPSCFIRST PUBLISHED : July 10, 2023, 07:00 IST



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