रिपोर्ट:-पीयूष शर्मामुरादाबाद. उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन साठा धान की खेती पर प्रतिबंध के बावजूद भी मुरादाबाद जिले के किसान इसकी पैदावार कर रहे हैं. कुछ किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है तो कुछ खेतों में फसल लहराने लगी है. कुछ किसान गेहूं की फसल की कटाई के बाद धान की रोपाई करेंगे. भूगर्भ जल स्तर के लगातार गिरने व जल दोहन होने से भविष्य में पेयजल के संकट से बचने के लिए सरकार ने साठा धान की खेती पर प्रतिबंध लगा रखा है.

ठाकुरद्वारा उत्तराखंड की सीमा से सटे होने के कारण सीमांत क्षेत्र के किसानों में साठाधान की खेती की रूचि अधिक है. क्षेत्र के गांव मानपुर दत्ताराम, कल्याणपुर, बथुआ खेड़ा, तिलकपुर, वीरपुर, कटिया, पीपल गांव, रमना वाला, मलपुरा, लक्ष्मीपुर, रामनगर, भागूवाला, सन्यासी वाला, दादू वाला सहित आदि बहुत से ऐसे गांव हैं. जहां के किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है.

60 दिनों में तैयार हो जाती है फसलदरसअल साठा धान की फसल 60 दिनों में तैयार हो जाती है, लेकिन इसको तैयार करने के लिए रोजाना पानी की जरूरत पड़ती है. किसान लगातार 60 दिनों तक इस फसल में पानी डालते हैं. साठा धान की पौध फरवरी में ही डलना शुरू हो जाती है. करीब 30 दिन में पौध तैयार हो जाती है. इसके बाद किसान सरसो, गेंहू काटकर, गन्ने की पेड़ी के खेतों में साठा धान की फसल मात्र 60 दिन में तैयार कर लेते हैं. इसके बाद तुरंत उसी खेत में दोबारा धान की दूसरी प्रजाति की फसल तैयार कर ली जाती है.

प्रकृति के विरुद्ध खिलवाड़कृषि विज्ञान केंद्र ठाकुरद्वारा के प्रभारी डॉ रविंद्र सिंह ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में धान की खेती पर प्रतिबंध के बावजूद भी क्षेत्र के किसान प्रकृति के विरुद्ध खिलवाड़ कर रहे हैं. निरंतर भूगर्भ में जल स्तर घटता जा रहा है. ज्यादातर उत्तराखंड के निकट यूपी के सीमांत क्षेत्र के किसान ही इस खेती को कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सरकार को प्रतिबंध के साथ-साथ इस पर कड़ा कानून बनाना चाहिए तभी इस पर पूर्ण प्रतिबंध लग सकता है. जैसे पंजाब सरकार ने ग्रीष्म ऋतु की धान की फसल उगाने पर कानून बनाकर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Farmer, Paddy cropFIRST PUBLISHED : March 23, 2023, 13:07 IST



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