तराई के जिले पीलीभीत में भाजपा पिछले कई चुनाव से लोकसभा सीट जीतती चली आ रही है. वरुण गांधी की जगह इस बार पार्टी ने योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. पीलीभीत में भारतीय जनता पार्टी-बीजेपी और समाजवादी पार्टी- सपा, दोनों ही प्रत्याशी बाहर के हैं. भाजपा प्रत्याशी जितिन प्रसाद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं तो सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार पड़ोसी जिले बरेली के रहने वाले हैं. कारण ये है कि यहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या तकरीबन एक लाख हैं तो वहीं सपा प्रत्याशी की जाति के लोग तकरीबन ढाई लाख हैं. कुर्मी बिरादरी को लुभाने के लिए सपा ने गंगवार को टिकट दिया है.

पीलीभीत लोकसभा सीट पर वरुण गांधी भी फैक्टर हैं. जब उनका टिकट काटा गया तो उन्होंने पीलीभीत की जनता को एक चिट्ठी लिखर ये कहा था कि वे पीलीभीत के थे, हैं और रहेंगे. हालांकि, जनता की एक मांग वे पूरी नहीं कर सके. पिछले 7 साल से पीलीभीत होते हुए लखीमपुर-सीतापुर और लखनऊ को जाने वाली ट्रेन बंद है.

बीजेपी में गुटबाजीपीलीभीत जिले में भाजपा में गुटबाजी चरम पर है. भाजपा प्रत्याशी जितिन प्रसाद को अंदरुनी खींचतान का सामना करना पड़ा रहा है. यहां पर भाजपा के दो विधायक हैं बरखेड़ा से स्वामी प्रवक्ता नंद और बीसलपुर से विवेक वर्मा जो लोध किसान जाति से आते हैं. लोध किसान भी अपनी बिरादरी के लिए लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे थे तो वहीं कुर्मी बिरादरी का वोट भी तकरीबन ढाई लाख है. कुर्मी बिरादरी से प्रदेश सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार हैं. वह भी लोकसभा चुनाव लडने के लिए जी-जान से लगे थे. अंदरुनी नाराजगी इन लोगों की भी देखी जा सकती है.

पीलीभीत सीट पर 10 प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में एकदूसरे को चुनौती दे रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी-बीएसपी के अनीस अहमद फूल बाबू अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जो मुस्लिम वोटो में सेंध लगाने की बात कर रहे हैं. मगर विधानसभा चुनाव और नगर पालिका चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने एकमुश्त होकर साइकिल चलाई थी.

पीलीभीत में जातियों की बात करें तो यहां पर मुस्लिम वोटर तकरीबन 4.75 लाख हैं. लोध किसान 2.50 लाख, कुर्मी बिरादरी भी तकरीबन 2.50 लाख है. यही तीनों बिरादरियां चुनाव में अपना वर्चस्व दिखाती रही हैं. मुस्लिम जहां समाजवादी पार्टी का समर्थन करते हैं तो वही देखा गया है कि कुर्मी और लोध किसान भाजपा को अपना वोट करते हैं.

पीलीभीत में जनता के सामने बिजली, पानी और सड़क के प्रमुख मुद्दे हैं. मुद्दों के बाद भी लोगों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा नहीं है. सरकार के काम से लोग खुश हैं. मेडिकल कॉलेज बन रहा है. खमीर की हजार करोड़ की फैक्ट्री लग रही है जिस पर काम चल रहा है.

पीलीभीत और गांधी परिवारपीलीभीत लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1989 मेनका गांधी ने चुनाव जीता था. वे जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. उसके बाद 1996 में फिर मेनका गांधी जनता दल के टिकट पर जीतकर दिल्ली गईं. लेकिन 1998 और 1999 का चुनाव उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और जीत हासिल की. 2004 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. 2009 में मेनका के बेटे वरुण गांधी सांसद बने, लेकिन 2014 में बीजेपी ने फिर से मेनका गांधी को यहां से मैदान में उतारा. 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से वरुण गांधी ने जीत दर्ज की.

2019 के चुनाव में वरुण गांधी ने सपा के उम्मीदवार हेमराज वर्मा को 2.55 लाख वोटों से परास्त किया था. वरुण गांधी को 7.04 वोट मिले थे.
.Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Pilibhit news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : April 12, 2024, 19:30 IST



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