दिल की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल में रखना काफी जरूरी होता है. अब वैज्ञानिकों ने इस दिशा में एक बड़ी खोज की है. उन्होंने पाया है कि आंतों में पाए जाने वाले कुछ बैक्टीरिया कोलेस्ट्रॉल को कम करके दिल की बीमारी के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं. ब्रॉड इंस्टीट्यूट ऑफ एमआईटी और हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने यह खोज की है.
अभी तक वैज्ञानिक इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ पाए थे कि आंतों में रहने वाले बैक्टीरिया किस प्रकार सेहत को प्रभावित करते हैं. नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया है कि आंतों में पाए जाने वाले कुछ खास बैक्टीरिया कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं. इससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है. शोधकर्ताओं ने ‘सेल’ जर्नल में प्रकाशित अपनी स्टडी में बताया है कि उन्होंने आंतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की कई प्रजातियों की पहचान की है. ये बैक्टीरिया कोलेस्ट्रॉल को पचाते हैं. इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है.
1400 से ज्यादा लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण हुआअध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने फ्रामिंघम हार्ट स्टडी में शामिल 1400 से अधिक प्रतिभागियों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया. यह दशकों से चल रहा एक प्रोजेक्ट है, जिसमें दिल की बीमारी के रिस्क फैक्टर पर अध्ययन किया जाता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि ‘ऑसीलोबैक्टर’ नामक बैक्टीरिया अपने आसपास के कोलेस्ट्रॉल को अब्जॉर्ब और मेटाबोलाइज करते हैं. जिन लोगों की आंतों में इस बैक्टीरिया का लेवल ज्यादा होता है, उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम पाया गया. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि किस प्रकार से ये बैक्टीरिया कोलेस्ट्रॉल को तोड़ते हैं.
क्या कहते हैं शोध के नतीजे?इस शोध के नतीजे बताते हैं कि आंतों के माइक्रोबायोम को प्रभावित करने वाले उपचार भविष्य में लोगों में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह अध्ययन इस बात की भी भूमिका निभाता है कि आंतों में होने वाले बदलाव किस प्रकार सेहत और बीमारियों को प्रभावित करते हैं, इस पर और अधिक गहन शोध किया जा सके. 
लेबोरेटरी के टेस्ट और ह्यूमन ट्रायल के नतीजे एकअध्ययन के सह-लेखक रामनिक जेवियर का कहना है कि हमारा शोध ह्यूमन ट्रायल के नतीजों को लेबोरेटरी में किए गए टेस्ट से लिंक है. इससे हमें यह पता चलता है कि किस प्रकार से आंतों के बैक्टीरिया कोलेस्ट्रॉल को कम करके दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं. अब वैज्ञानिक आंतों के माइक्रोबायोम में मौजूद अन्य ऐसे रास्तों की खोज करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें प्रभावित करके कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है. इससे आने वाले समय में दिल की बीमारी के इलाज में नई दिशा मिल सकती है.



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