सुशील सिंह / मऊ: गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और जिले में मंप्स और चेचक के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं. इस समय प्रतिदिन जिला अस्पताल में 20-25 मरीज आ रहे हैं. अगर एक महीने में मरीजों की बात की जाए,  तो लगभग 700 मरीज चेचक के इलाज के लिए ओपीडी पहुंचे हैं. होम्योपैथिक विभाग में तैनात डॉक्टर उमेश सिंह बताते हैं कि गर्मियों की शुरुआत में इसका प्रकोप ज्यादा रहता है. इन बीमारियों के लिए होम्योपैथिक दवाएं काफी असरदार होती हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए होम्योपैथ में काफी अच्छी दवाएं आती हैं. अगर इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह पर किया जाए, तो काफी अच्छा रिजल्ट मिलता है.

ये है बीमारी का लक्षणडॉक्टर उमेश सिंह ने बताया कि मंप्स या गलसुआ एक वायरस जनित बीमारी है. इससे प्रभावित व्यक्ति को बुखार होता है और मुंह पूरा नहीं खुल पाता. गले और कान के आस पास दर्द होता है, तथा कुछ भी निगलने में परेशानी होती है. इसी तरह स्मॉल पॉक्स या चेचक की बीमारी में भी व्यक्ति को बुखार आता है और उसके शरीर पर दाने निकल आते हैं. इन दोनों बीमारियों में ही प्रभावित व्यक्ति को स्वस्थ्य लोगों से अलग रखना चाहिए तथा उनकी साफ सफाई का ध्यान रखते हुए चिकित्सक के पास ले जा कर उनका इलाज कराना चाहिए.

खान पान का रखें विशेष ध्यानइससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी वाली चीजे खाएं. क्योंकि गर्मी बहुत तेजी से पड़ रही है. पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए  और साफ सफाई का विशेष ध्यान दें. इसमें बिस्तर को हमेशा साफ रखें. इसमें बिस्तर पर नीम की पत्ती भी रखी जाती है. दरवाजे पर प्याज भी बांधकर रखा जाता है, जिससे रोकथाम होती है.

इन रोगों में होम्योपैथिक की यह दवा है काफी कारगरबाकी व्यक्तियों को यह रोग न फैले, इसके लिए चिकित्सक की सलाह पर बेलोरिना दवा दी जानी चाहिए.इस तरह हम साफ सफाई इत्यादि का ध्यान रख कर और पहले से ही प्रिवेंटिव दवाएं लेकर इस रोग से बच सकते हैं.

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.Tags: Health News, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 12, 2024, 10:37 IST



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