विकाश कुमार/ चित्रकूट: हिंदूओं के लिए चित्रकूट धार्मिक स्थानों में से एक है. चित्रकूट धाम मंदाकनी नदी के किनारे बसा हुआ है. यहां के कण-कण में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की यादें बसी हुई हैं. भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं और आप रामघाट के किनारे मंदाकिनी आरती में शामिल होना चाहते हैं. तो इस खबर को आप को ध्यान से पढ़ना होगा,  रामघाट के तट में होने वाली मंदाकिनी आरती के समय में बदलाव किया गया है.

धर्म नगरी चित्रकूट में देर शाम मंदाकिनी तट में होने वाली मंदाकिनी आरती का एक अलग ही महत्व है. इस आरती में शामिल होने के लिए भक्त दूर-दूर से चित्रकूट आते हैं और मंदाकिनी तट के किनारे पहुंच कर मंदाकिनी आरती में शामिल होकर आरती का आनंद उठाते हैं. यहां बनारस की तरह ही भव्‍य आरती का आयोजन होता है.

माता अनुसुइया के तपोवल से मां मंदाकिनी उद्गम हुई है. उसी मंदाकानी के तट पर भव्‍य आरती का अयोजन होता है. मान्‍यता है कि जीवन में हर व्‍यक्ति को एक बार आरती में जरूर शामिल होना चाहिए. यदि इस नदी में कोई स्नान करता है, तो मोक्ष मिलता है.

जानिए आरती का नया समयचित्रकूट के महंत मोहित दास ने बताया कि ठंड को देखते हुए मंदाकिनी आरती का समय अब शाम 6 बजे से कर दिया गया है. पहले यह आरती शाम को 7 बजे हुआ करती थी. उन्होंने आरती के बारे में बताया कि चित्रकूट में होने वाली मंदाकिनी आरती अब बनारस के तर्ज में होती है. चित्रकूट की मां मंदाकिनी को प्रयागराज की गंगा से भी बडा इसका महत्व है क्योंकि यह सीधा स्वर्ग से आई है. उन्होंने आगे की जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट की मंदाकिनी नदी अनसूईया जी की तपस्या से आई है. महंत ने बताया कि चित्रकूट में मंदाकिनी आरती देखने के लिए लोग चित्रकूट में विशेष रूप से आते हैं.
.Tags: Chitrakoot News, Local18, Religion 18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 17:11 IST



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