कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स हेल्थ के लिए हानिकारक साबित हो सकती है, इसको लेकर कई स्टडी हो चुकी है. लेकिन इसके बावजूद लोग इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं. इसका खामियाजा हाल ही में एक 26 साल की लड़की को हेयर स्ट्रेटनिंग करवाने के बाद भुगतना पड़ा है. 
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोसेस के बाद लड़की को उल्टी और कमर दर्द, डायरिया, बुखार की समस्या होने लगी थी. लड़की को पहले से कोई किडनी संबंधित बीमारी भी नहीं थी. लेकिन हेयर स्ट्रेटनिंग के बाद ऑक्सालेट नेफ्रोपैथी के कारण उसे बार-बार किडनी में दर्द का सामना करना पड़ा. हेयर ट्रीटमेंट के कारण उसे सिर में अल्सर की समस्या भी हो गयी थी.ट्रीटमेंट में इस क्रीम का हुआ था इस्तेमाल
लड़की ने डॉक्टरों को बताया कि उसके बालों का ट्रीटमेंट ग्लायोक्सिलिक एसिड युक्त एक स्ट्रेटनिंग क्रीम से किया गया था. यह रसायन उसके सिर में जलन और अल्सरेशन के साथ किडनी में डैमेज का कारण बना. इसका पता डॉक्टर्स ने चूहों पर एक्सपेरिमेंट करके लगाया था. स्टडी में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि हेयर ट्रीटमेंट के बाद लड़की ऑक्सालेट नेफ्रोपैथी से पीड़ित हो गयी थी, जिसके कारण उसे किडनी डैमेज के लक्षणों का सामना करना पड़ रहा था.
क्या होता है ऑक्सालेट नेफ्रोपैथी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, ऑक्सालेट नेफ्रोपैथी एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें को किडनी की नलिकाओं में कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल जमा हो जाते हैं. इससे किडनी खराब हो जाती है और यह सही तरह फंक्शन नहीं कर पाती है. यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है. इसमें उच्च-ऑक्सालेट खाद्य पदार्थों का सेवन, कुछ दवाएं, केमिकल  या अंतर्निहित चयापचय संबंधी विकार शामिल हैं. 
हेयर स्ट्रेटनिंग में इसलिए यूज होती है ये क्रीम  
हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोसेस में ग्लायोक्सिलिक एसिड का इस्तेमाल बालों को बेहतर ढंग से सीधा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये क्रीम बालों में डाइसल्फाइड बॉन्ड को तोड़ती है, जिससे बालों को रिशेप करना आसान होता है.



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