अप्रैल का महीना शुरू हो गया है. इसी के साथ गर्मी का दिन अब धीरे-धीरे नजदीक आ रहे हैं. मौसम बदल रहा है, और इस समय बीमार होने की संभावना अधिक होती है. ज्यादातर लोग इस मौसम में पंखा चलाकर सोना शुरू कर देते हैं. मौसम में जब बदलाव होता है तो तबीयत खराब होने की चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं. ऐसे में आइए कुछ प्वाइंट्स में जानते हैं कि पंखा चलाने से शरीर पर क्या असर होता है और इससे बचने के क्या-क्या उपाय हैं?
सर्दी जुकाम
सर्द मौसम जब गर्मी की तरफ करवट ले रहा होता है तो, तो वातावरण में भी बहुत से बदलाव आते हैं, जिसका असर सेहत पर भी पड़ता है. हमारा शरीर सर्द मौसम में बिना पंखा के रहने के लिए सैचुरेट हो चुका होता है. ऐसे में अगर अचानक पंखा चलाकर सोते हैं तो सर्दी जुकाम का कारण हो सकता है. हेल्थलाइन वेबसाइट के अनुसार पंखा चलाकर सोने से शरीर में कफ का ओवर प्रोडक्शन होने लगता है. साथ ही सिरदर्द गले में खरास और खर्राटा लेने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
एलर्जी 
अब जैसा कि हम जानते हैं कि हमारा शरीर बिना पंखे के रहने के लिए सैचुरेट हो चुका होता है. ऐसे में जब हम पंखा चलाकर सोना शुरू करते हैं तो आसपास का डस्ट हमारे वातावरण में बढ़ जाता है जिसकी वजह से एलर्जी, सर्दी, सांस लेने में तकलीफ और गले में खिच-खिच की समस्या हो सकती है. इससे बचने के लिए अपने आसपास साफ सफाई का खास ध्यान रखें.
आंखें और त्वचा सूखने लगती हैं
पंखा चलाकर सोने से आंखें और त्वचा सूखने लगती है. त्वचा की नमी गायब होने लगती है. इससे बचने का सबसे सही तरीका है कि खुद को हाइड्रेटेड रखें और अपनी स्किन को भी मॉइस्चराइज करें.
पंखा चलाकर सोने के वो फायदे जो बहुत कम लोगों को मालूम है
जब हम पंखा चलाकर सोते हैं तो ये हमारे आस पास के वातावरण को ठंडा कर देता है. इससे पसीना नहीं होता है ऐसे में बहुत से मिनिरल्स हमारे शरीर में ही रह जाते हैं जिसकी हमें जरूरत होती है. पंखा चलाने की वजह से सोने में बहुत आराम रिलैक्स फील होता है. 
पंखा चलाकर सोने से अच्छी नींद आती है. 
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपे एक रिसर्च के अनुसार पंखा से निकलने वाली आवाज हमारे नींद की क्वालिटी बढ़ा देती है. ये रिसर्च 40 बच्चों पर किया गया था, जिसमें पता चला कि पंखा चलाकर सोने से 80 परसेंट बच्चे सिर्फ 5 मिनट में गहरी नींद में सो जा रहे हैं.
पंखें चलाकर सोने से पहले जरूर जानें ये सुझाव1- मौसम बदलते समय धीरे-धीरे खुद को पंखे की आदत डालें. इससे बॉडी पंखे के हवा के लिए आसानी से सैचुरेट हो जाएगा. 
2- रात भर पंखा चला कर सोने से बचें. जब लगे की अब पंखे की हवा से कई समस्या नहीं होगी तभी रात भर पंखा चलाएं.
3- पहले दिन 1 घंटे फिर 2 घंटे और ऐसे ही धीरे-धीरे शरीर को पंखे के लिए सैचुरेट कर सकते हैं.



Source link