सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: वैसे तो कृषि प्रधान देश भारत खेती के लिये ही जाना जाता है. यहां हर प्रकार की फल-सब्जियों की खेती की जाती है. इनमें कई हिस्सों में आलू की खेती भी की जाती है. किसान भी बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर बढ़िया मुनाफा कमाते हैं. बेहतर उत्पादन और संसाधनों की बचत के लिए खेतों में जैविक खाद और गोबर की उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए. इसी को लेकर खेत की तैयारी के साथ ही मिट्टी में जीवाश्म, खाद और अच्छी किस्म के आलू के बीजों का चयन करके हम अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं.

इस समय फर्रुखाबाद के किसान चिप्ससोना, ख्याति, 3797 और कुफरी कंचन की फसल को उगा रहे हैं. किसान बताते हैं कि पहले वह बिना मिट्टी की जांच कराए ही खेतों में आलू की फसल की बुवाई कर देते थे. जिसके चलते खेतों में रोग भी बढ़ जाते थे और अच्छी खासी लागत लगाने के बावजूद भी उत्पादन कम होता था. जिसके कारण किसानों को बड़ा ही नुकसान झेलना पड़ता था. लेकिन किसान बदलते समय के साथ अब मिट्टी का परीक्षण कराकर ही आलू की फसल बोते हैं, जिसके कारण रोगों से भी निजात मिलती है.

सफेद आलू के अच्छे रेट मिलते हैं

फर्रुखाबाद के कमालगंज क्षेत्र के पसई नगला निवासी किसान गुलाब सिंह ने बताया कि लंबे समय से वह आलू की फसल करते आ रहे हैं. लेकिन जब से उन्होंने इस ख्याति किस्म की आलू की फसल को बोया है. तब से बंपर उत्पादन हो रहा है, तो दूसरी ओर मंडी में भी सफेद आलू के अच्छे रेट मिलते हैं. जिसके कारण उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है.

आलू की खेती तो कम लागत में होगी डबल कमाई

वहीं किसान रामनरेश बताया कि जब से उन्होंने चिप्ससोना आलू के किस्म की बुवाई शुरू की है. तब से उन्हें कभी भी निराशा नहीं हुई है, जिस प्रकार चिप्ससोना आलू हर किसी को पसंद होता है. इसका स्वाद भी अलग होने के साथ ही शुगर की मात्रा भी कम होती है. जिसके कारण उन्हें इस आलू की बिक्री करने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है. इस समय पर बाजार में एक हजार से लेकर ग्यारह सौ रुपए तक इस आलू की प्रति पैकेट की बिक्री हो रही है. जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है .

कैसे करें खेती में बढ़ोतरी?

किसान ने बताया कि आमतौर पर आलू की फसल की बुवाई करने पर एक बीघा में लगभग दस हजार रूपए की लागत आ जाती है. वहीं अगर कोई रोग न लगे तो सामान्य आलू पचास पैकेट प्रति बीघा निकलता है. तो चिपसोना और ख्याति आलू 80 से 100 पैकेट तक उत्पादन हो जाता है. इस समय एक बीघा से ही वह सत्तर से अस्सी हजार रुपए की कमाई कर रहे हैं.

यह है खेती का आसान तरीका

आलू की फसल करने के लिए आपको अपने खेत की गुणवत्ता के लिए मिट्टी का परीक्षण करना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि हमारे खेत की मिट्टी में जिन पदार्थों की कमी अथवा अधिकता है. इसके अनुसार ही खेत में प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर आलू की फसल करने के लिए खेत में पर्याप्त नमी के बाद जुताई की जाती है. इसके बाद उसमें जैविक खाद को डालने के बाद आलू की मशीन से आलू की किस्म के साइज के अनुसार बुवाई की जाती है. वहीं उचित समय पर सिंचाई और निराई करते रहना चाहिए. जब आलू 3 महीने का हो जाता है और फसल तैयार हो जाती है. तो इसकी खुदाई हाथों अथवा प्लांटर से की जाती है.

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.Tags: Farming, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 15, 2024, 08:27 IST



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