Climate change will bring many diseases: HBO की लोकप्रिय शो ‘The Last of Us’ में दिखाया गया है कि मानवता को एक खतरनाक फंगस से लड़ना पड़ता है जो जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होता है, जो लोगों को शैतान (zombies) बनाता है. हालांकि यह शो एक साइंस फिक्शन थ्रिलर है और इसके फंगस से वास्तव में दुनिया को नष्ट होने से बचाया जा सकता है. जलवायु परिवर्तन से महामारी होने का विचार फिक्शन से बाहर नहीं है.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
पिछले महीने, एक मांस खाने वाले बैक्टीरिया (जिसे विब्रियो वलनिफाइकस कहते हैं) के इंफेक्शन की संख्या 30 साल में 8 गुना ज्यादा हो गई है (सालाना 10 मरीजों से 80 मरीजों तक). यह बात खतरनाक हो गई है क्योंकि इस बीमारी संक्रमित मरीजों में से 20 प्रतिशत को मौत का सामना करना पड़ता है. तो बढ़ते इंफेक्शन का संभावित कारण क्या है? इसका जवाब है जलवायु परिवर्तन से गर्म हो रहे समुद्र.
कोविड-19 को बस एक शुरुआत है!वैज्ञानिक बताते है कि कोरोना महामारी घातक बीमारियों की लहरों से जूझ रही हमारी प्रजातियों की शुरुआत हो सकती है. फिर भी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस अत्यधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की मानवता की चल रही समस्या से जुड़ा था. वहीं इन कुछ अन्य हानिकारक रोगजनकों के बारे में नहीं कहा जा सकता है जो भविष्य में रौद्र रूप ले हो सकते हैं यदि ग्लोबल वार्मिंग अनियंत्रित चलती रही तो. ये कुछ सबसे उल्लेखनीय ज्ञात रोगजनकों, बीमारियों और स्थितियों में से हैं जो पृथ्वी के गर्म होते ही और अधिक सामान्य हो जाएंगे. ऐसे और भी हो सकते हैं जो अभी तक विज्ञान के लिए अज्ञात हैं, जैसे SARS-CoV-2 एक वायरस था जो जलवायु परिवर्तन से संबंधित कारणों से जानवरों से मनुष्यों में भी आया होगा.
विशेषज्ञ ने क्या कहा?फ्री यूनिवर्सिटी एम्स्टर्डम में बायोलॉजिकल कंजर्वेशन और एडवोकेसी के विशेष प्रोफेसर डॉक्टर जेफ हार्वे ने मलेरिया, डेंगू बुखार, लीश्मेनियेसिस आदि जैसे बहुत से कीटाणुओं (जो अधिकतर जंगली पारिस्थितिकी में पाए जाते हैं) के बारे में चेतावनी दी. कई ऐसे जलवायु परिवर्तन स्थितियां हैं जो मच्छरों के लिए स्वर्ग समान होंगी, जो बड़ी संख्या में मानवों को मार डालेंगे. अधिक तापमान और बड़े पशुओं की अधिक जनसंख्या के निरंतर संचलन जैसी कई जलवायु परिवर्तन स्थितियां मच्छरों के लिए सकारात्मक रूप से स्वर्ग समान होंगी.
मलेरियाडॉक्टर जेफ हार्वे द्वारा बताई गई लिस्ट में सबसे पहले मलेरिया का नाम था. इसमें मरीज को तेज बुखार, कम्पन और फ्लू-जैसी बीमारी के लक्षण होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमानों के अनुसार, 2020 में मलेरिया संक्रमण से 241 मिलियन (24 करोड़) क्लीनिकली तौर पर पुष्टि की गई मरीजों में से 627,000 लोग मारे गए.
डेंगूमलेरिया की तरह डेंगू भी मच्छरों द्वारा फैलता है और यह इंसानों के लिए काफी हानिकारक हो सकता है. इसमें रैशेज, सिरदर्द, शरीर में दर्द, मतली और बुखार जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं. वहीं, जब कोई गंभीर डेंगू बुखार से पीड़ित होता है तो उसमें लगातार उल्टी, गंभीर पेट दर्द, खूनी उल्टी व मल, लगातार प्यास और शारीरिक कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention)  का अनुमान है कि वर्तमान में हर साल लगभग 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं, हालांकि केवल लगभग 10 करोड़ ही बीमार होंगे और हर साल लगभग 21,000 लोग मरेंगे.
लीश्मेनियेसिसलीशमनियासिस मच्छरों द्वारा नहीं फैलता है, बल्कि रेत की मक्खियों से फैलता है जो औसतन एक मच्छर के आकार का लगभग एक-चौथाई होता है. पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार हर साल 9 से 16 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित होते हैं और इनमें से 20,000 से 30,000 लोगों की मौत हो जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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