न्यू मैक्सिको के जल स्रोतों में कैंसर पैदा करने वाले “फॉरेवर केमिकल्स” पाए गए हैं. यह जानकारी अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) और राज्य पर्यावरण अधिकारियों द्वारा किए गए अध्ययनों से सामने आई है. फेडरल एजेंसी द्वारा बीते बुधवार (10 अप्रैल) को जारी किए गए निष्कर्षों के अनुसार, न्यू मैक्सिको राज्य की प्रमुख नदियों में perfluoroalkyl और polyfluoroalkyl पदार्थ पाए गए.  हालांकि, शहरी क्षेत्रों में नदियों के निचले भाग में इन केमिकल की मात्रा सबसे अधिक पाई गई.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के शोधकर्ताओं ने सैन्य प्रतिष्ठानों में दूषित करण का पता चलने के बाद न्यू मैक्सिको के पानी की जांच शुरू की थी. उन्होंने पाया कि रियो ग्रांडे नदी में अल्बुकर्क शहर (न्यू मैक्सिको का सबसे बड़ा शहर) से होकर बहने के दौरान, इसके ऊपरी जल स्त्रोतों की तुलना में पीएफएएस की मात्रा 10 गुना अधिक है.
कुओं और सतही जल स्रोतों से लिए नमूनेशोधकर्ताओं ने अगस्त 2020 और अक्टूबर 2021 के बीच पूरे राज्य में किए गए सर्वे के तहत कुओं और सतही जल स्रोतों से दर्जनों नमूने भी लिए. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश कुओं के नमूनों में पीएफएएस नहीं पाए गए. पर्यावरण विभाग के जल संरक्षण टीम के एंडी जोचेम्स ने कहा कि फॉरेवर केमिकल्स और दूषित करण से जुड़े ताजा निष्कर्ष भविष्य में पीने वाले पानी के संसाधनों की रक्षा के बारे में निर्णय लेने वाले रेगुलेटर्स की मदद करेंगे.
निरंतर निगरानी और रिपोर्टिंग की जरूरतअधिकारियों ने बुधवार को कहा कि उनका अनुमान है कि नए नियमों के लिए निरंतर निगरानी और रिपोर्टिंग के अलावा और कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि अल्बुकर्क क्षेत्र की सेवा करने वाली कंपनी ने पीने वाले पानी की प्रणाली में पीएफएएस की मात्रा को ईपीए की सीमा के आसपास नहीं पाया है. अध्ययन के प्रमुख लेखक किम्बर्ली बेस्नर के अनुसार, कंसंट्रेशन में परिवर्तन गंदे पानी के निकास और तूफान के पानी के बहाव के कारण हो सकता है.
पीने के पानी से ‘फॉरेवर केमिकल्स’ को कम करने के मानकयह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने बुधवार को कई घरेलू और रोजमर्रा की वस्तुओं में पाए जाने वाले जहरीले ‘फॉरेवर केमिकल्स’ से लोगों की रक्षा के लिए अपना पहला पेयजल मानक घोषित किया है. कैंसर पैदा करने वाले रसायनों को रोकने के अपने पहले बड़े कदम में, एजेंसी ने पब्लिक वॉटर सिस्टम टेस्टिंग के लिए राज्यों को 1 बिलियन डॉलर की पेशकश की है.



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