हाइलाइट्सबसपा सांसद अतुल राय के बरी होते ही फिर क्यों चर्चा में आया बाहुबली मुख्तार अंसारी?बसपा सांसद अतुल राय और मुख्तार अंसारी की कहानीवाराणसी. मऊ की घोसी से सांसद अतुल राय चर्चित रेप केस में बरी हो गए हैं. वाराणसी की एमएलए कोर्ट ने सांसद अतुल राय को रेप केस में बरी कर दिया है. हालांकि अभी अतुल राय जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. क्योंकि इस केस से जुड़ी आपराधिक षडयंत्र रचने की धाराओं में एक मामला लखनऊ में दर्ज है. उसमे जमानत मिलने के बाद ही अतुल राय प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से बाहर आ पाएंगे. अतुल राय के वकीलों का कहना है कि लखनऊ वाला केस जिस वक्त उन पर दर्ज हुआ था, उस वक्त अतुल राय जेल में थे. ऐसे में जल्द ही उस मामले में भी राहत मिल जाएगी. विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
बरी होने के बाद एक बार फिर अतुल राय के वकील अनुज यादव, उनके पिता और भाई ने मुख्तार अंसारी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इशारे पर उनकी गैंग के सदस्य अंगद राय ने ये साजिश रची थी. मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग उन्होंने सरकार से की है. लड़की और उसके दोस्त ने किया था आत्मदाह अतुल राय पर ये केस तीन साल पुराना है. लोकसभा चुनाव के वक्त उन पर वाराणसी के लंका थाने में लड़की ने मुकदमा दर्ज कराया था. ये केस बीते साल पूरे देश में उस वक्त चर्चा में आ गया था, जब 16 अगस्त को दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने अपने दोस्त के साथ सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर लिया था.

उपचार के दौरान युवक की 21 और युवती की 24 अगस्त को मौत हो गई थी. आत्मदाह करते वक्त लड़की और उसके दोस्त ने लाइव वीडियो बनाते हुए पुलिस अधिकारियों पर बड़े आरोप लगाए थे. जिसके बाद वाराणसी के भेलुपुर सीओ, एसपी सिटी समेत कई पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही भी हुई थी. दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. जबकि भेलूपुर के तत्कालीन सीओ अमरेश सिंह बघेल भी 30 सिंतबर को बाराबंकी से गिरफ्तार हुए थे. सीओ बघेल अब भी वाराणसी की जिला जेल में बंद है.

वहीं, बनारस के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, तत्कालीन एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी पर शासन स्तर से कार्रवाई हुई थी और कैंट इंस्पेक्टर राकेश सिंह व दरोगा गिरजा शंकर सिंह यादव को पुलिस कमिश्नर ने निलंबित करते हुए जांच बैठा दी थी.

जानिए क्या था मामला
वाराणसी के एक कॉलेज की पूर्व छात्रा व मूल रूप से बलिया की रहने वाली युवती ने बसपा सांसद अतुल राय पर एक मई 2019 को लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे में गाजीपुर के भंवरकोल निवासी युवती का दोस्त गवाह था. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को अतुल राय ने वाराणसी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. तब से वे जेल में है और इस वक्त प्रयागराज की नैनी जेल में ही बंद हैं. कभी मुख्तार के करीबी थे अतुल राय आज भले ही अतुल राय मुख्तार के दुश्मन हैं लेकिन वो उनके बेहद करीबी थी. बताया जाता है कि अतुल राय पर करीब 27 मुकदमे दर्ज है. 2009 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था.

ठेका और रियल एस्टेट कारोबार
बीएससी की पढ़ाई करने वाले अतुल राय मोबाइल टावर में तेल सप्लाई के कारोबार से लेकर बरेका में ठेका और रियल एस्टेट कारोबार से आगे बढ़े. पहली बार में ही बसपा के टिकट पर घोषी से चुनाव जीता. अतुल राय के वकील और घरवालों ने बताया था कि घोसी सीट से मुख्तार अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते थे, इसलिए मुख्तार ने उनके खिलाफ ये षडयंत्र रचवाया. उसी चुनाव के बाद से ही दोनोम में दूरियां बढ़ गईं.

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