सनन्दन उपाध्याय/बलिया: कहा जाता है कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती है. इसके लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है. अगर व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल करने का मन बना ले, तो तमाम चुनौतियां भी उसकी राह नहीं रोक सकतीं. इसका जीता जागता उदाहरण बलिया शहर में स्थित महिला थाना की थानाध्यक्ष दुर्गावती देवी हैं, जो आज तमाम बेटियों के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं. इनकी सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है.

बलिया महिला थानाध्यक्ष दुर्गावती देवी ने लोकल 18 से बताया कि वह वाराणसी परिक्षेत्र के मुरेरी गांव की रहने वाली हैं. व्यवस्था और सुविधाओं के अभाव में उनकी पढ़ाई ग्रामीण स्तर से शुरू हुई. उस समय बहुत कठिन परिस्थिति से गुजरना पड़ा. लेकिन, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और एक ही बार में सफलता हासिल कर ली.

उस समय बेटियों के लिए पढ़ाई थी बड़ी चुनौतीदुर्गावती देवी बताती हैं कि जिस समय मेरी पढ़ाई-लिखाई हुई. वह समय खास तौर से बेटियों के लिए एक बड़ी चुनौती हुआ करता था. फिर भी कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है. इसको देखते हुए उन्होंने अपने घर से लड़- झगड़ कर अपनी सफलता के मार्ग पर बढ़ती चली गयी. पढ़ने के लिए उन्हें लगभग 3 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था.

ऐसे हुई पढ़ाई लिखाईउन्होंने बताया कि वह साधारण परिवार की रहने वाली है. प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए उन्हें लगभग ढाई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था. पांचवीं कक्षा के बाद उनका एडमिशन श्री प्रेम बहादुर सिंह इंटर कॉलेज खालिसपुर वाराणसी में हुआ, जहां दूरी बढ़कर 3 किलोमीटर हो गई. यहां से उन्होंने हाई स्कूल 1985 और इंटर 1987 में पूरा किया. इसके बाद उन्होंने अपना एडमिशन B.A की पढ़ाई के लिए कराया. साथ ही तैयारी करने लगीं.

पहली बार में ही मारी बाजीदुर्गावती देवी बताती हैं कि  कुछ बनने का जुनून था इसलिए पढ़ाई- लिखाई में मन लग गया. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में उन्होंने  पहली बार में ही बाजी मार ली. आज वह जनपद बलिया में थाना अध्यक्ष के पद पर कार्य कर रही है.

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.Tags: Ballia news, Local18FIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 13:25 IST



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