सेहत पर सिर्फ खाने का असर ही नहीं होता है बल्कि इसे आप किस तरह के बर्तन में पका रहे हैं और किस तरह के पेपर में पैक कर रहे हैं, इसका भी बराबर असर होता है. हालांकि इन चीजों को लेकर सालों पहले ही कई तरह की स्टडी हो चुकी है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लगातार लोग आंख बंद करके अपने किचन में टॉक्सिन से भरे सामानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. 
ऐसे में आज हम आपके साथ आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार सावलिया का एक इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर कर रहे हैं जिसमें उन्होंने उन 5 चीजों के बारे में बताया है जो ज्यादातर किचन में मौजूद हैं और बीमारियों को पैदा करने का काम करते हैं. ऐसे में यदि आपने भी कभी इससे पहले अपने किचन के मटेरियल को चुनते समय ध्यान नहीं दिया है तो इस लेख में जान लें कि कौन-से आइटम्स का इस्तेमाल आपको कम से कम या बिल्कुल नहीं करना है या इसका बेहतर विकल्प क्या हो सकता है. 

नॉन-स्टिक कुकवेयर
हाई टेंपरेचर पर नॉन-स्टिक बर्तनों का उपयोग करने से धुएं के रूप में पीएफसी कोटिंग निकलने लगती है, जो लिवर को नुकसान पहुंचाने और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है.विकल्प- कास्ट आयरन और स्टेनलेस स्टील के कुकवेयर का उपयोग करें. 
एल्युमीनियम फॉयल
एक्सपर्ट बताती हैं कि WHO के अनुसार, मानव शरीर के लिए 50 मिलीग्राम एल्यूमीनियम जरूरी है. लेकिन शोध कहता है कि पन्नी में पैक किए गए भोजन में लगभग. 2-5 मिलीग्राम एल्यूमीनियम होता है जिसके नियमित इस्तेमाल से बॉडी में जिंक स्टोर होने लगती है. इससे ब्रेन और बोन्स के हेल्थ खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. विकल्प- बटर पेपर या सूती कपड़े का प्रयोग करें.
एल्युमीनियम के बर्तन
एल्युमिनियम स्लो पॉइजन की तरह काम करता है. ऐसे में एल्युमीनियम के बर्तनों के नियमित उपयोग से किडनी और फेफड़ों की समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट बताती हैं कि यह साबित हो चुका है कि एल्युमीनियम के बर्तनों के इस्तेमाल से भोजन में एल्युमिनियम के कण लीक हो जाते हैं जो आगे चलकर शरीर में जमा हो जाते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं.विकल्प- स्टेनलेस स्टील के बर्तनों पर स्विच करें.
प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड
यदि आप किचन में सब्जियों को काटने के लिए प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे फेंक दें. शोध का जिक्र करते हुए एक्सपर्ट ने बताया कि गीले चॉपिंग बोर्ड में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया होते हैं जो पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं. साथ ही इसे आपके खाने में प्लास्टिक के पार्टिकल्स भी मिल सकते हैं, जो हेल्थ के लिए जानलेवा बीमारियों को पैदा करते हैं.विकल्प- लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करें.
प्लास्टिक की बोतल
बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक रासायनिक यौगिक का उपयोग प्लास्टिक की बोतलों और कंटेनरों को मानव शरीर के लिए खतरनाक बनाता है. ऐसे कंटेनरों का नियमित उपयोग प्रतिरक्षा, हार्मोन को प्रभावित करता है और मोटापे का कारण बन सकता है. प्लास्टिक कंटेनर में खाना दोबारा गर्म करने से टॉक्सिन निकलते हैं जो इंसुलिन संवेदनशीलता को उत्तेजित करते हैं और परिणामस्वरूप वसा कोशिकाएं निकलती हैं.विकल्प- इसकी जगह कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करें. 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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