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Covid-19 linked with Diabetes: कोरोना वायरस से संक्रमित हुए बच्चों और युवाओं को डायबिटीज (टाइप 1) होने का ज्यादा खतरा है. 18 वर्ष और उससे कम आयु के 10 लाख से ज्यादा मरीजों पर किए गए अध्ययन से ये बात सामने आई है. हाल ही में JAMA नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित डाटा ने बताया गया है कि उनके डायग्नोसिस के बाद छह महीनों में युवा कोरोना मरीजों में टाइप 1 डायबिटीज के नए डायग्नोज में 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि, शोध ने इस बात पर जोर दिया कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कोरोना टाइप 1 डायबिटीज की नई शुरुआत को ट्रिगर करता है.
प्रोफेसर और अध्ययन के संबंधित लेखक पामेला डेविस ने कही कि टाइप 1 डायबिटीज को एक ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है. उन्होंने बताया कि यह ज्यादातर इसलिए होता है क्योंकि शरीर का इम्यून डिफेंस इंसुलिन बनाने करने वाले सेल्स पर हमला करते हैं, जिससे इंसुलिन का उत्पादन रुक जाता है और डायबिटीज की बीमारी हो जाती है. कोरोना को ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं को बढ़ाने का सुझाव दिया गया है और हमारी वर्तमान खोज उस सुझाव को पुष्ट करती है.
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षणटाइप 1 डायबिटीज के लक्षण अचानक सामने आ सकते हैं जैसे कि- सामान्य से अधिक प्यास लगना- बहुत पेशाब करना- ज्यादा भूख लगना- बिस्तर पर ही पेशाब कर देना- बिना किसी कारण वजन घटना- चिड़चिड़ापन, मूड बदलना- थका हुआ और कमजोर महसूस करना- आंखों की रोशनी कम होना
टाइप 1 डायबिटीज से नुकसानब्लड में शुगर लेवल बढ़ने से महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये दिक्कतें आ सकती हैं– हार्ट अटैक- आंखों की रोशनी जाना- नसों को नुकसान- गंभीर इंफेक्शन्स- किडनी फेलियर
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