[ad_1]

विकाश कुमार/ चित्रकूट: जहां एक तरफ भारत देश ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है. वहीं चित्रकूट जिले के मानिकपुर पाठा क्षेत्र के रामपुर तरौहा गांव में आजादी के बाद से अब तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. इस गांव के लोग घरों के किनारे बने कच्चे रास्ते के सहारे रोड तक पहुंचने को मजबूर है. उनका कहना है कि बरसात के समय में इस रोड में चलना और भी मुश्किल हो जाता है.हालांकि, सरकार और जिले के नुमाइंदे और जनप्रतिनिधि मूलभूत सुविधाओं का दावा जरूर करते हैं.सरकार गांव के विकास के लिए योजनाओं का पिटारा खोल रही है. लेकिन इस गांव की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. विकासखंड मानिकपुर के रामपुर तरौहा में ग्रामीणों के निकलने के लिए कोई पक्की सड़क नही है. आलम यह है की अगर गांव में कोई बीमार हो जाता है तो एंबुलेंस उनके गांव तक नहीं पहुंच पाती है. एंबुलेंस तक मरीज को पहुंचाने के लिए बीमार व्यक्ति को चारपाई में लादकर रोड तक ले जाना पड़ता है. बरसात के समय में रोड में कीचड़ होने के कारण गांव के बच्चे स्कूल भी नही जा पाते है.मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर गांवग्रामीणों का कहना है कि यह गांव में लगभग एक हजार से ज्यादा लोगों की बस्ती है. लेकिन आजादी के बाद से आज तक सड़क का कोई निर्माण इस गांव में नहीं कराया गया. बरसात के समय बच्चे स्कूल जाने के लिए पानी भरे पगडंडियों से गुजर कर जाते है. अगर कोई बीमार हो जाता है तो एम्बुलेंस भी गांव तक नही पहुंच पाती है. जिसके कारण गांव में बीमार व्यक्ति को 4 लोग द्वारा चारपाई में लेटाकर गांव से सड़क तक ले जाना पड़ता है. तब वह एंबुलेंस में बैठकर हॉस्पिटल तक पहुंच पाते हैं.बीडीओ ने दिया आश्वासनमानिकपुर विकासखंड बीडीओ धनंजय सिंह से बात करने पर उनका कहना है कि आप लोग के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है. हमारे द्वारा मौके का निरीक्षण करके गांव की रोड को मुख्य सड़क से जुड़वाकर आवागमन को चालू करवाया जाएगा..FIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 21:46 IST

[ad_2]

Source link