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कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती: अक्सर देखा जाता है की सड़क दुर्घटना में चालक की लापारवाही ही सामने आती है. जिससे लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यातायात नियम और गाड़ी चलाने का तरीका लोगों को पता नहीं होता है. इसलिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वर्ष 2017- 18 में प्रदेश के सभी 19 संभागीय मुख्यालयों पर ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया था.

जिससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में पूरी तरह से निष्पक्षता और गुणवत्ता बनी रहे और उसी व्यक्ति का ड्राईविंग लाईसेंस बन सके जो अच्छे से गाड़ी चलाना जानता हो . जिसको सारे ट्रैफिक नियम पता हो. इसी क्रम में मंडल संभागीय मुख्यालय होने के कारण बस्ती में भी ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान (डीटीआई) बनाया गया लेकिन अभी तक यह डीटीआई यहां चालू नहीं किया जा सका और न ही ड्राइविंग ट्रैक पर सेंसर लग पाया है.

जानिए कैसे करेगा सेंसर काम

संभागीय परिवहन निरीक्षक संजय कुमार दास ने बताया कि सेंसर का सीधा जुड़ाव कंट्रोल रूम से रहेगा. जिससे वाहन चलाने वाले के हर गतिविधि पर नजर रखा जाएगा. ट्रैक को आठ के आकार का बनाया गया है. जिससे चारों तरफ सेंसर लगेगा. जिससे चालाक के वाहन चलाने की स्पीड, चढ़ाई और ढलान पर वाहन की स्पीड, मुड़ने पर इंडिकेटर का इस्तेमाल, वाहन चलाते समय कितनी बार नियमों का उलंघन किया गया है. इन सभी चीजों पर सेंसर की नजर रहेगी, टेस्ट के बाद रिजल्ट आएगा पास होने पर ही परमानेंट लाइसेंस निर्गत किया जाएगा.

कमाई पर पड़ता असरअपना लाइसेंस बनवाने आए अनादि नाथ ने बताया कि सेंसर लग जाने से बिचौलिए और अधिकारियों का काफी नुक्सान होगा साथ ही आम जनमानस को ज्यादा, इसलिए ये लोग सेंसर नहीं लगने दे रहे हैं.

निजी हाथों में होगा ड्राइविंग सेंटरआरआई संजय कुमार ने बताया कि सरकार ने ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान को निजी कम्पनी के हाथों में देने की तैयारी है. जिसके लिए शासन की तरफ से टेंडर जारी किया जाएगा , जिस भी कम्पनी को टेंडर मिलेगा वही यहां पर सेंसर लगवाया और ट्रेनिंग देगा.
.Tags: Basti news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 06, 2023, 22:17 IST

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