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वसीम अहमद/अलीगढ़. यमुना का जलस्तर बढ़ने से अलीगढ़ के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ की चपेट में आए करीब 204 परिवारों को आवास देकर दूसरे स्थान पर विस्थापित किया जाएगा. दरअसल, इन दिनों यमुना का जलस्तर बढ़ने से 1978 के बाद यूपी-हरियाणा के बॉर्डर स्थित कई गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं तो वहीं पुलिस प्रशासन की मदद से गांव वालों का रेस्क्यू किया जा रहा.

बाढ़ के चपेट के चलते यूपी-हरियाणा के बॉर्डर स्थित अलीगढ़ के कई गांव पूरी तरह प्रभावित हैं. यहां के लोगों की जान मुश्किल में है, तो वहीं फसलें भी चौपट हो चुकी है और आसपास के क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे उनका जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. पिछले कई दिनों से यहां के लोगों को पुलिस प्रशासन के द्वारा मदद मुहैया कराई जा रही है. जिससे वह गांव से बाहर आ पा रहे हैं लेकिन वह मदद भी नाकाफी साबित हो रही है.

घर छोड़ने को ग्रामीण हुए मजबूर

अलीगढ़ से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर हरियाणा बॉर्डर के पास महाराजगंज, शेरपुर, बागपुर सहित कई अन्य गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. ग्रामीण दयाराम का कहना है कि यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आई हुई है और बाढ़ की वजह से रास्ता कट गया है रास्ता कट जाने की वजह से लोग गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उनको निकालने के लिए पुलिस प्रशासन स्ट्रीम और नाव से रेस्क्यू कर रहा है. जिससे लोगों को गांव से बाहर लाया जा रहा है लेकिन अभी भी ग्रामीण और पशु गांव में फंसे हुए हैं और उनके खाने को चारा भी नसीब नहीं हो पा रहा है. हमारी फसले भी चौपट हो चुकी हैं जिससे रेस्क्यू कर हमको दूसरी जगह विस्थापित किया जा रहा है.

राजस्व राज्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे यूपी सरकार के राजस्व राज्य मंत्री अनूपप्रधान ने जानकारी देते हुए बताया कि 1978 के बाद अब इस तरह बाढ़ का पानी गांव में घुसा है. महा राजगढ़ के लोगों की मांग है कि हमें यहां से विस्थापित किया जाए. मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत मेरा प्रयास है कि यहां के 204 परिवारों को आवाज देकर कहीं अच्छी जगह विस्थापित किया जाए.
.Tags: Hindi news, Local18, UP floods, UP newsFIRST PUBLISHED : July 18, 2023, 19:51 IST

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