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हरिकांत शर्मा/आगरा: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत करते हुए राजपथ से कहा था कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही हम 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बाबू को अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं. 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया.

हम आज टॉयलेट और शौचालय की बात क्यों कर रहे हैं? इसलिए क्योंकि हर साल 19 नवंबर को पूरे विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय टॉयलेट दिवस ( World Toilet Day) मनाया जाता है. इस खबर में हम आपको लाखों रुपए खर्च कर आगरा की सड़कों के किनारे बनाये गए पिंक टॉयलेट की वर्तमान स्थिति से रूबरू कराएंगे. साथ में जनता से यह भी जानेंगे कि उन्हें पिंक टॉयलेट से कितना फायदा हुआ.

ऐतिहासिक शहर आगरा में पिंक टॉयलेट गायबस्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2019 के तहत आगरा में 30 पिंक टॉयलेट (Pink Toilet)बनाए गए थे. अब ये टॉयलेट शो-पीस बनकर रह गए हैं. इन टॉयलेट्स पर ताले लटके हुए हैं. इन टॉयलेट्स के रखरखाव की ज़िम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है.आगरा में सार्वजनिक स्थलों, मार्केट्स या पार्कों में लेडीज़ टॉयलेट नहीं है. अगर कहीं हैं भी, तो उन पर ताला लटका हुआ है.

परेशानियों को देखते हुए बनाए गए थेइन पिंक टॉयलेट को बनाने का उद्देश्य था की भीड़ भाड़ वाले बाजारों में जहां पर महिलाओं के लिए टॉयलेट करने की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता था और ऐसे में यह पिंक इज्जत घर खासकर महिलाओं की परेशानियों को देखते हुए बनाए गए थे. आगरा में 30 जगह राजा मंडी, संजय प्लेस, शाहगंज जोहरी बाजार, बेलनगंज जैसे स्थानों पर यह पिंक टॉयलेट शोपीस बने पड़े है. इन सभी पिंक टॉयलेट पर ताला लटका हुआ है. रखरखाव के अभाव में यह पिंक टॉयलेट खराब पड़े हुए. इन्हें इस्तेमाल में भी नहीं लाया जा सकता.

65 लाख रुपए में बनकर तैयार हुए थे पिंक टॉयलेट2019 में आगरा नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत आगरा में करीब 30 इज्जत घर बनवाए गए थे. जिसमें करीब 65 लाख रुपए का खर्चा हुआ था. वहीं इन इज्जत घरों की देखरेख करने के लिए सीएलसी कंपनी को टेंडर दिया गया था. जिसे महीने पर करीब 2 लाख से ज्यादा का पेमेंट किया जाता था. लेकिन भारी भरकम शुल्क देने के बावजूद इज्जत घरों की हालत काफी ज्यादा खराब थी. जिसके बाद नगर निगम ने सीएलसी कंपनी से करार रद्द कर दिया और पिंक टॉयलेट के रखरखाव की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को दे दी गई.

पिंक टॉयलेट रख रखाव में फेलनगर निगम द्वारा सुलभ इंटरनेशनल को भी करीब 1 लाख 43000 महीने का शुल्क मेंटेनेंस के नाम पर दिया जाता था. लेकिन दोनों ही कंपनी द्वारा पिंक टॉयलेट रख रखाव में फेल रही. करीब 2 महीने पहले सुलभ इंटरनेशनल का करार भी खत्म हो गया और अब आगरा के सभी पिंक पर ताला पड़ा हुआ है और महिलाएं परेशान हैं. जब भी वह बाजारों में शॉपिंग करनी या खरीदारी करने के लिए आती है तो उन्हें टॉयलेट तक करने की जगह नहीं मिलती.

मेयर ने कहा जल्द इज्जत घर करेंगे जनता को वापसइस पूरे मामले पर आगरा की मेयर हेमलता दिवाकर ने कहा है कि प्राइवेट कंपनी जो अब तक इन पिंक टॉयलेट का रखरखाव करती थी. उनका टेंडर खत्म हो गया है. जल्द ही किसी दूसरी कंपनी को टेंडर देकर यह इज्जत घर फिर से महिलाओं के सुपुर्द किया जाएगा और महिलाएं इस्तेमाल कर सकेंगी. अब देखने वाली बात होगी कि आखिरकार जनता की गाड़ी कमाई से तैयार हुए लाखों के यह इज्जत घर फिर से जनता के काम कब आएंगे? या फिर ये पिंक टॉयलेट अधिकारियों की सुस्त कार्रवाई की भेंट चढ़ जाएंगे और इन पर हमेशा ताला जड़ा रहेगा.
.Tags: Agra news, Local18FIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 09:06 IST

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