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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. लखनऊ के व्योम आहूजा सिर्फ 13 साल के हैं, लेकिन अपनी उम्र से भी ज्यादा इनके पास अवॉर्ड हैं. लगभग 37 रिकॉर्ड यह अब तक बना चुके हैं. गीता से लेकर शिवतांडव तक इनको कंठस्थ हैं. यही नहीं, संस्कृत में लिखे शिवतांडव और गीता का हिंदी अनुवाद भी वह कर लेते हैं. भारतीय संस्कृति और इसकी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें हाल ही में ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से नवाजा गया है. इसमें इन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर की हुए एक घड़ी मिली है. इसके अलावा मेडल और सर्टिफिकेट भी मिले हैं.

व्योम ने बताया कि वे लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल में 10वीं के छात्र हैं और ढाई साल की उम्र से ही उन्हें लीक से हटकर कुछ करने का जज्बा जागा था. मां दीया अहूजा और पिता निखिल आहूजा ने उनके जुनून को समझा और आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान उन्होंने कुरुक्षेत्र रणभूमि नाम से एक बोर्ड गेम तैयार किया है. यह महाभारत से प्रेरित है और यह शतरंज की तरह ही है. लेकिन इस गेम में इन्होंने घोड़े, हाथी और राजा की संख्या बढ़ाने के साथ ही चार नए पीस लॉन्च किए हैं, जिनके नाम हैं गुप्तचर, अमर योद्धा, हमशक्ल और सेनापति. इस बोर्ड गेम का कॉपीराइट भी इनको मिल चुका है. जल्द ही इस मार्केट में भी उतारेंगे. इस गेम की कीमत अभी उन्होंने तय नहीं की है.

संगीत का है शौक

व्योम आहूजा को बांसुरी के साथ ही ड्रम और कई नए इंस्ट्रूमेंट्स बजाने का शौक है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने वह बांसुरी बजा चुके हैं. मुख्यमंत्री भी व्योम आहूजा से काफी प्रभावित हुए थे.

वैदिक फिजिक्स में करना है काम

व्योम ने बताया कि उन्हें विज्ञान में ज्यादा दिलचस्पी है और वे भविष्य में वैदिक फिजिक्स पर काम करना चाहेंगे और इसी में वे अपना करियर भी बनाना चाहते हैं.

सीखने की कोई उम्र नहीं होती

व्योम आहूजा ने कहा कि जो बच्चे अपने जुनून को पूरा करना चाहते हैं उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. सीखने की या कुछ करने की कोई उम्र नहीं होती है.
.Tags: Local18, Lucknow news, OMG NewsFIRST PUBLISHED : June 25, 2023, 09:09 IST

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