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नई दिल्ली: भारतीय टीम काफी समय से एक घातक ऑलराउंडर (All Rounder) की तलाश में थी, लेकिन अब रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया को रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) के रूप में शानदार खिलाड़ी मिला है. जडेजा के टीम में जगह पक्की करते ही एक खिलाड़ी का करियर खतरे में पड़ा गया है. ये प्लेयर चंद गेंदों में ही मैच का नक्शा बदल देता है. ये खिलाड़ी अपनी कातिलाना गेंदबाजी और धाकड़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है. 
खतरे में इस प्लेयर की जगह 
रवींद्र जडेजा ने श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ शानदार खेल का नजारा पेश किया. उन्होंने गेंद और बल्ले से कमाल का खेल दिखाया, लेकिन उनके जगह पक्की करते ही टीम इंडिया के एक घातक ऑलराउंडर की जगह खतरे में पड़ गई है, इस प्लेयर के लिए टीम के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) की. सुंदर ने अपने दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं, लेकिन वह काफी समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. 
चोट की वजह से हुए थे बाहर 
वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) को चोट की वजह से वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज से बाहर होना पड़ा था. वहीं, साउथ अफ्रीका दौरे से पहले उन्हें कोरोना हो गया था. इसी वजह से उनकी जगह तब जयंत यादव को मौका दिया गया था, लेकिन जब भी सुंदर को मौका मिला है, उन्होंने उसे दोनों ही हाथों से लपका है. उनके खेल की धूम से सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं. सेलेक्टर्स ने उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका नहीं दिया है. सुदंर ने भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अपने दम पर जीत दिलाई थी. 
आईपीएल में दिखाया दम
वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sunder) आईपीएल में आरसीबी (RCB) की तरफ से खेलते हैं. ये खिलाड़ी जब अपनी लय में हों तो किसी भी गेंदबाज की धज्जियां उड़ा सकता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दौरे पर भी सुंदर ने मैच जिताऊ पारी खेली थी और चार विकेट भी झटके थे. उनकी घातक गेंदबाजी को देख कर बड़े से बड़े गेंदबाज दांतो तले उंगलियां दबा लेते हैं. जब भी कप्तान को विकेट की आवश्यकता होती है वह वॉशिंगटन सुंदर का नंबर घुमा देते हैं. 
घरेलू टूर्नामेंट में बिखेरा जलवा 
वॉशिंगटन सुंदर ने विजय हजारे ट्रॉफी (vijay hazare trophy) में अपने खेल से सभी का दिल जीत लिया. सेमीफाइनल मैच में इस खिलाड़ी ने सौराष्ट्र के खिलाफ 61 गेंदों में 70 रन बनाए, जिसमें 8 आतिशी चौके शामिल थे. सुंदर धाकड़ बल्लेबाजी के साथ-साथ कातिलाना गेंदबाजी करने के लिए भी जाने जाते हैं. उनकी गेंदों को खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं है. वह भारत के लिए तीनों ही फॉर्मेट में खेलते हैं. उन्होंने भारत के लिए चार टेस्ट मैच, 1 वनडे और 30 टी20 मैच खेले हैं. भारतीय पिचें हमेशा से ही स्पिनरों की मददगार होती है. ऐसे में वहां सुंदर बड़ा कमाल कर सकते थे. 

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