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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. सनातन धर्म में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं. पंचांग के मुताबिक इस साल वट सावित्री पूजा 19 मई को है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वट सावित्री का व्रत करवा चौथ के व्रत के ही समान होता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस साल वट सावित्री व्रत के दिन कई खास संयोग बन रहे हैं तो चलिए जानते हैं वट सावित्री व्रत के दिन वे शुभ योग कैसे हैं.ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि वट सावित्री व्रत जेष्ठ माह की अमावस्या पर रखा जाता है. इस साल अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 मई रात्रि 9:42 से शुरू होकर 19 मई रात 9:22 पर समाप्त होगी. वट सावित्री व्रत में वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है. पूजा करने का शुभ मुहूर्त 19 मई सुबह 7:19 से शुरू होकर सुबह 10:42 तक है.
इस बार की वट सावित्री व्रत में शोभन योग, गजकेसरी योग के अलावा शश राज योग भी बन रहा है बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में शोभन योग को बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होगा.
वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, कुमकुम, हल्दी दान करना चाहिए. इसके साथ ही वटवृक्ष के जड़ हो कपड़े में बांधकर अपने पास सुरक्षित रखना चाहिए. इससे धन का लाभ तो होता ही है, वैवाहिक जीवन में संकट से मुक्ति मिलती है. व्रत रखने से न सिर्फ पति की आयु बढ़ती है बल्कि पति पर आए हुए सभी संकट से भी मुक्ति मिलती है.
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, बरगद के पेड़ में त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. इसलिए भी इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी समस्या-बाधा दूर होती है. दांपत्य जीवन में कभी समस्या नहीं आती. विशेषकर इस दिन वटवृक्ष के चारों तरफ रक्षा सूत्र बांधने से पारिवारिक जीवन में खुशी का माहौल रहता है. सारे दुख-विपदा समाप्त होते हैं.(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है, न्यूज़18 इसकी पुष्टि नहीं करता)ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : May 14, 2023, 09:16 IST

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