[ad_1]

World Cup 2023: टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि भारतीय टीम ने 2011 में जिस तरह से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए वर्ल्ड कप जीता था उसी तरह मौजूद टीम को आगामी वर्ल्ड कप विराट कोहली के लिए यादगार बनाना चाहिए. भारत ने 2011 में अपनी सरजमीं पर वर्ल्ड कप का खिताब जीता था और कोहली उस टीम का हिस्सा थे. टीम इसके बाद सिर्फ एक बार ही आईसीसी का कोई टूर्नामेंट (2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी) जीत सकी.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सचिन बनेगा ये खिलाड़ीआईसीसी ने मंगलवार को वर्ल्ड कप का कार्यक्रम जारी किया जिसका आगाज पांच अक्टूबर को अहमदाबाद में पिछले टूर्नामेंट के फाइनल खेलने वाले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के मुकाबले से होगा. वर्ल्ड कप का फाइनल 19 नवंबर को खेला जाएगा. वीरेंद्र सहवाग ने आईसीसी के कार्यक्रम  के इतर कहा, ‘हमने वह वर्ल्ड कप तेंदुलकर के लिए खेला था. हमने वर्ल्ड कप जीता और यह सचिन पाजी के लिए शानदार विदाई थी.’
सामने आया बड़ा नाम
वीरेंद्र सहवाग ने कहा, ‘विराट कोहली (अब) सचिन तेंदुलकर के स्थान पर हैं. वह पूरे जुनून के साथ क्रिकेट खेलते हैं, दूसरों का ख्याल रखते हैं. हर कोई विराट कोहली के लिए इस वर्ल्ड कप को जीतना चाहता है.’ इस पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘कोहली में कोई बदलाव नहीं आया है. वह हमेशा टीम को अपना शत प्रतिशत देते है. मुझे लगता है कि खुद विराट भी इस वर्ल्ड कप को जीतना चाहते है.’
वर्ल्ड कप में रनों का अंबार लगाएंगे
पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बारे में पूछे जाने पर वीरेंद्र सहवाग ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक लाख से अधिक लोग इस मैच को देखेंगे. विराट को पता है कि वहां की पिच का मिजाज कैसा होगा.  मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वह इस वर्ल्ड कप में रनों का अंबार लगाएंगे और भारत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन  करेंगे.’
खिलाड़ियों को स्पिन खेलने का बेहतर अनुभव
वीरेंद्र सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत को जीत का दावेदार बताते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान के खिलाफ दबाव की स्थिति से भारतीय टीम बेहतर तरीके से निपटती है. 1990 के दशक में पाकिस्तान की टीम दबाव झेलने के मामले में बेहतर थी, लेकिन 2000 के बाद से भारतीय टीम इस मामले में बेहतर रही है.’ वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि विकेट अगर बल्लेबाजी के लिए अच्छी हुई तो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन करेंगी, लेकिन अगर पिच से स्पिनरों को मदद मिली तो उनके बल्लेबाज संघर्ष करेंगे. उन्होंने कहा, ‘विदेशी खिलाड़ियों के मुकाबले उपमहाद्वीप के खिलाड़ियों को स्पिन खेलने का बेहतर अनुभव होता है.’

[ad_2]

Source link