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नई दिल्ली: विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुद को वनडे की कप्तानी से हटाए जाने के बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. विराट कोहली ने BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के उस बयान को झूठा साबित कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने विराट कोहली (Virat Kohli) को टी20 की कप्तानी छोड़ने से मना किया था. कोहली ने खुलासा किया कि उन्हें किसी ने भी टी20 की कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका था. अब इस बात को लेकर गांगुली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने झूठ क्यों बोला था?  
कोहली पर बड़ा एक्शन लेने से बचना चाहता है BCCI
विराट कोहली टीम इंडिया के साथ दक्षिण अफ्रीका पहुंच गए हैं, जहां उसे तीन टेस्ट मैच और इतने ही मैचों की वनडे सीरीज भी खेलनी है. BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने साफ कर दिया है कि वह कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे. विराट कोहली की तूफानी प्रेस कॉन्फ्रेंस से स्तब्ध BCCI इस संकट से निपटने के लिए विकल्पों पर विचार कर रहा है. BCCI यह भी सुनिश्चित करेगा कि मैदान के बाहर के नाटकीय घटनाक्रम से महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज से पहले टीम का ध्यान भंग नहीं हो.
गांगुली-कोहली के बीच मतभेद 
भारतीय टेस्ट कप्तान कोहली ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि उन्हें कभी टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के लिए नहीं कहा गया. उनका बयान BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के बयान के विपरीत था, जो उन्होंने मीडिया में दिया था. अतीत में बामुश्किल ही ऐसे मामले देखने को मिले हैं जब भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार और मौजूदा कप्तान तथा अध्यक्ष पद पर काबिज पूर्व कप्तान के बयानों में विरोधाभास हो.
BCCI में कोई भी खुश नहीं
पता चला है कि बुधवार को जो हुआ उससे बीसीसीआई में कोई भी खुश नहीं है, लेकिन वे समझते हैं कि मामले के तुरंत हल के लिए उनकी कोई भी कड़ी प्रतिक्रिया नुकसानदेह हो सकती है. कोहली आज शाम दक्षिण अफ्रीका पहुंच गए जबकि कोलकाता में बोर्ड अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वह कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे. गांगुली ने मीडिया से कहा, ‘कोई बयान नहीं, कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं. हम इससे निपट लेंगे, इसे बीसीसीआई पर छोड़ दीजिए.’
इस नुकसान से बचना चाहता है BCCI
पता चला है कि गांगुली और सचिव जय शाह सहित BCCI के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बुधवार को ‘जूम कॉल’ पर बात की जहां सामूहिक रूप से फैसला किया गया कि कोई भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेगा और ना ही प्रेस विज्ञप्ति जारी करेगा. BCCI के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर PTI को बताया, ‘विशेषज्ञ का नजरिया जाना गया कि इस संवेदनशील मामले से कैसे निपटा जाए, क्योंकि इससे अध्यक्ष के कार्यालय का सम्मान जुड़ा है. BCCI को पता है कि टेस्ट सीरीज होने वाली है और जल्दबाजी में लिया गया उनका कोई फैसला या बयान टीम का मनोबल प्रभावित कर सकता है.’
कप्तान और अध्यक्ष के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीका यह होगा कि दोनों बैठकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मतभेद या संवादहीनता का हल निकालें. फिलहाल गांगुली या शाह के कप्तान से बात करने की संभावना कम है. सामान्य तौर पर केंद्रीय अनुबंध खिलाड़ी से संस्था या पदाधिकारियों के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जाती, लेकिन कोहली की जो हुआ उससे जुड़े एक सवाल के जवाब में दी गई प्रतिक्रिया नियमों को उल्लंघन है या नहीं, यह भी एक सवाल है इसलिए इस समस्या का कोई आसान हल नहीं होने वाला.

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