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अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. धर्म अध्यात्म की नगरी काशी बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के लिए जाना जाता है. इस प्राचीन शहर में गंगा में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आतें है. आप भी बनारस में गंगा स्नान के लिए आ रहें है तो ये खबर आपके काम की है.वाराणसी के अस्सी घाट के करीब तुलसीघाट इन दिनों मौत का घाट बनकर सामने आया है. बीतें दो महीनों से इस घाट पर डूबने से मरने वालों का सिलसिला जारी है.

आकड़ो के अनुसार अप्रैल, मई और जून के महीने में वाराणसी में कुल 30 लोगों की मौत हुई है. इसमें से अकेले तुलसी घाट पर 10 लोगों ने अपनी जान गवाई है. जिसके बाद स्थानीय लोग इसे अब मौत का घाट कहकर पुकार रहें है. बताते चलें कि 2 दिन पहले मंगलवार को ही इस घाट पर दो युवकों की डूबने से मौत हुई थी. इसके पहले मई और अप्रैल में भी ऐसे कई हादसे हुए थे.

पुलिस की उदासीनता बन रही है मौत की वजहस्थानीय निवासी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार लोग इस घाट पर जल पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस के तैनाती की मांग कर रहें है. लेकिन पुलिस की उदासीनता के कारण लगातार यहां ऐसी घटनाएं हो रही है. बताते चलें कि वाराणसी प्रशासन ने पहले यहां चेतावनी बोर्ड लगाया और अब गंगा में बैरिकेडिंग कराकर अपने दायित्व से इतिश्री कर लिया है.

घाट पर चर्चाओं का बाजार गर्मवाराणसी के तुलसी घाट पर डूबने के ये सिलसिला कोई नया नहीं हैं. हर साल गर्मी के सीजन में गंगा स्नान के दौरान डूबने से यहां कई लोगों की मौतें होती है. जिससे लोगों में भय का माहौल है. इसके अलावा इन घटनाओं के बाद तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही है. कोई इसे श्रापित घाट कह रहे है तो कोई इसे डेथ स्पॉट बता रहा है.

तुलसीघाट पर लगा चेतावनी बोर्डडीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि तुलसीघाट पर हो रहे हादसों के बाद वहां चेतावनी बोर्ड लगाया गया है. इसके अलावा गंगा में बैरिकेडिंग भी की गई है. जिससे इन घटनाओं को रोका जा सकें. इसके अलावा पुलिस की टीम भी वहां गस्त करती रहती है.
.Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : June 22, 2023, 18:25 IST

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