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UPPSC Exam: यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने भर्ती परीक्षाओं में शुचिता, पारदर्शिता और गुणवत्ता लाने के लिए 100 विषय विशेषज्ञों को पैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. आयोग ने विषय विशेषज्ञों के खिलाफ साल भर के अंदर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई की है. इससे पहले भी आयोग (UPPSC) ने 22 अगस्त 2022 को लगभग 80 विषय विशेषज्ञों को पैनल से बाहर कर दिया था. आयोग (UPPSC) के अधिकारियों का कहना है कि गुणवत्तापूर्ण कार्य न करने वाले विषय विशेषज्ञों पर यह कार्रवाई की गई है.

माना जा रहा है कि आयोग की भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों में गलत सवाल पूछे जाने, गलत विकल्प दिए जाने, मूल्यांकन व इंटरव्यू में विवाद होने की वजह से आयोग (UPPSC) ने इस तरह का कड़ा फैसला लिया है. क्योंकि गलत सवालों की वजह से आयोग की छवि धूमिल हो रही थी. इसकी वजह से तमाम परीक्षार्थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में चले जाते थे और भर्ती परीक्षाएं लंबित हो जाती थी.

हालांकि आयोग ने साफ किया है कि आगे भी विषय विशेषज्ञों के कार्यों की समीक्षा होती रहेगी. आयोग (UPPSC) ने भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में शुचिता पूर्ण एवं गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने के लिए समीक्षा की भी बात कही है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि UPPSC अब संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तर्ज पर देश भर से विशेषज्ञों का पैनल तैयार करेगा. आयोग के इस कदम को छवि बदलकर व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.

बीते कई सालों से यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ज्यादातर भर्तियों में सवालों को लेकर विवाद होता रहा है. अक्सर तमाम मामले कोर्ट में जाते थे और भर्तियों में देरी होती थी. हर बड़ी भर्ती में सवालों को लेकर विवाद खड़ा होता था. जिसके चलते मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन पर भी सवाल उठते थे. दरअसल आयोग अलग-अलग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों व विषय के विशेषज्ञों को अपने यहां एक्सपर्ट पैनल में शामिल करता है. विषयों के विशेषज्ञ प्रश्न पत्र तैयार करते हैं. उनके सही विकल्प निर्धारित करते हैं. मुख्य परीक्षाओं के मूल्यांकन का काम भी करते हैं.

इसके अलावा इंटरव्यू में सब्जेक्ट एक्सपर्ट के साथ ही वर्तमान व पूर्व अधिकारियों और जजों को भी रखा जाता है. यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) अभी ज्यादातर एक्सपर्ट यूपी से ही रखे जाते हैं. लेकिन एक्सपर्ट की गलतियों व लापरवाही की वजह से अक्सर आयोग (UPPSC) की फजीहत होती थी. UPPSC के एक्सपर्ट डॉक्टर ओम प्रकाश शुक्ल के मुताबिक भर्ती परीक्षाओं में गलत प्रश्नपत्र पूछे जाने या फिर गलत विकल्प दिए जाने से अभ्यर्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता था.

कोर्ट में मामला लटकने से कई अभ्यर्थी ओवर एज हो जाते थे और दूसरी भर्तियों में शामिल नहीं हो पाते थे. उन्होंने कहा है कि आयोग (UPPSC) के पैनल से बाहर किए गए विषय विशेषज्ञों को सिर्फ पैनल से बाहर किए जाने से कुछ खास नहीं होगा. उन्होंने कहा है कि ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी होनी चाहिए. इसके साथ ही आयोग को अपनी परीक्षाओं को और पारदर्शी बनाना चाहिए. उसके लिए दूसरे कदम भी उठाने चाहिए.

वहीं यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के इस फैसले का प्रतियोगी छात्रों ने स्वागत किया है. प्रतियोगी छात्रों ने कहा है कि आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है. आयोग को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे अभ्यर्थियों का भरोसा कायम रहे. गौरतलब है कि यूपी लोक सेवा आयोग के UPPSC भर्ती परीक्षा में हर साल तकरीबन 7 लाख अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं.

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.Tags: UPPSC, UPSCFIRST PUBLISHED : July 05, 2023, 12:50 IST

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