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रिपोर्ट: अंजलि सिंह राजपूतलखनऊ: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राजधानी लखनऊ के गोमती नदी के तट पर भव्य आरती का आयोजन किया गया. लोगों ने इस दौरान 1100 दीप जला कर गोमती नदी को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया. 11 वेदियों पर गोमती आरती की गई, जिसमें 10 वेदियों पर पुरोहितों ने पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की. वहीं 11वीं वेदी यानी अंतिम वेदी पर मनकामेश्वर मंदिर के महंत देव्या गिरी की शिष्य ने पूजा अर्चना की. इस आरती को देखने के लिए गोमती तट पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे.
नमोस्तुते मां गोमती संस्था के मुख्य अधिकारी और सदस्य जगदीश गुप्त अग्रहरि ने बताया कि सात साल पहले गोमती नदी की आरती का आयोजन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर किया गया था. इसे शुरू करने के पीछे की वजह यह थी कि गोमती नदी को स्वच्छ रखने का लोगों को संकल्प दिलाया जाए. उन्होंने बताया कि इस आरती की शुरुआत मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरी ने की थी. तब से लेकर आज तक लगातार यह आरती निरंतर चलती है. करीब 45 मिनट की आरती की जाती है और उससे पहले मंत्रों के साथ विधि विधान से पूजा की जाती है. इसके अलावा वेदियों के सामने गोमती मैया की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है.उसी मूर्ति को देखते हुए और गोमती नदी की ओर से आरती को घुमाते हुए पूजा विधि विधान से की जाती है.
खास है गोमती आरतीलखनऊ वासियों को गोमती आरती हमेशा से ही आनंदित करती रही है. यही वजह है कि यह आरती लखनऊ वासियों के लिए बेहद खास है. दूरदराज से गोमती आरती देखने आए लोगों का यही कहना था कि उन्हें जब भी नदी की आरती देखने का मन करता था तो उन्हें बनारस जाना पड़ता था. लेकिन पिछले सात सालों से गोमती आरती हो रही है. ऐसे में नदी की आरती देखने का अवसर उन्हें अपने ही शहर लखनऊ में मिल जाता है.
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