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अधिक पढ़ेंलखनऊ. उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 7 चरणों में वोटिंग हुई. अब राजनीतिक दलों के साथ ही आम लोगों को भी जनता-जनार्दन के फैसले (UP Election Result) का इंतजार है. प्रदेश के दर्जनों मतदान केंद्र (Voting Center) पर गुरुवार सुबह 8 बजे से मतगणना (Uttar Pradesh Election Counting) की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बार का चुनाव कई मायने में अलग रहा है. कई गठबंधन टूटे तो कई नए चुनावी गठजोड़ भी बने. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस बार समाजवादी पार्टी ने राष्‍ट्रीय लोकदल के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी है. वहीं, मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी इस बार अकेले ही चुनाव लड़ा है. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के चुनाव मैदान में उतरने से दलित वोट (Dalit Vote) को लेकर भी नया समीकरण बनने की संभावना जताई जा रही है. इसे अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी इस बार कई सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे हैं. ओवैसी की पार्टी ने खासकर पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में आने वाली सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
बता दें कि आखिरी चुनाव के बाद देर शाम को एग्जिट पोल के नतीजे आए थे. तकरीबन सभी सर्वे एजेंसियों और मीडिया संस्‍थानों ने BJP द्वारा स्‍पष्‍ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की संभावना जताई है. समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस आदि एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए अपनी तरफ से अलग-अलग दावे किए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा (17th Assembly Election) के लिए 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में चुनाव हुए थे. 18वीं विधानसभा के लिए चुनाव 10 फरवरी से चुनाव शुरू हुआ था और 7 मार्च को अंतिम चरण के लिए वोट डाले गए थे. साल 2017 की तरह इस बार का चुनाव भी 7 चरणों (7 Phase Assembly Election) में संपन्‍न हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 300 से ज्‍यादा विधानसभा की सीट पर जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी गठबंधन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. गौरतलब है कि उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं. देश की चुनावी राजनीति में ऐसा कहा जाता है कि दिल्‍ली का रास्‍ता लखनऊ से होकर जाता है. इसका मतलब यह है कि जिसने उत्‍तर प्रदेश का चुनाव जीता, उसी के लोकसभा चुनाव में जीतने की प्रबल संभावना होती है. बता दें कि उत्‍तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटैं हैं.
क्‍या BJP रच पाएगी इतिहास?उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. बीजेपी को 300 से ज्‍यादा सीटें आई थीं. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या भाजपा इस बार साल 2017 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी? बता दें कि इस बार का विधानसभा चुनाव घोषित तौर पर योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में लड़ा गया है. पिछले चुनाव में भाजपा ने अलग रणनीति के साथ चुनाव लड़ा था.
क्‍या योगी आदित्‍यनाथ कर पाएंगे कमाल?इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजे कई मायनों में अलग साबित हो सकता है. मसलन यदि भाजपा चुनाव जीतती है और योगी आदित्‍यनाथ को ही फिर से मुख्‍यमंत्री बनाया जाता है तो वह पहले ऐसे भाजपा नेता होंगे जो दो बार लगातार 5 वर्षों के लिए सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे.
सपा की सत्‍ता में वापसी करा सकेंगे अखिलेश?अखिलेश यादव ने इस बार का चुनाव अपनी अगुआई में लड़ा है. ऐसे में इस बार उनकी प्रतिष्‍ठा भी दांव पर है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्‍या अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की सत्‍ता में वापसी करवा सकेंगे? वैसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार जीत के दावे कर रहे हैं.
चुनावी राजनीति में क्‍या होगा बसपा का भविष्‍य?पिछले दो बार के विधानसभा चुनावों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी को मुंह की खानी पड़ रही है. इस बार के चुनाव से बसपा और मायावती को काफी उम्‍मीदें हैं. बसपा के लिए भी यह चुनाव अग्निपरीक्षा की तरह है. यदि पार्टी किंग मेकर बनकर सामने आती है तो उत्‍तर प्रदेश में मायावती की प्रासंगिकता बढ़ सकती है.
कांग्रेस को संजीवनी दे पाएंगी प्रियंका गांधी वाड्रा?उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रह सकता है. मसलन कांग्रेस ने इस बार का यूपी चुनाव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई में लड़ा है. पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ ही आमलोगों के जेहन में भी यही बात है कि क्‍या प्रियंका गांधी कांग्रेस को देश के सबसे बड़े प्रदेश में संजीवनी प्रदान करने में सफल हो सकेंगी.

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