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लखनऊ. योगी सरकार ने बलिया के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) विजय त्रिपाठी को निलंबित करते हुए डीजीपी मुख्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया है. एडीजी प्रशासन पीसी मीना ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इससे पहले अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की तरफ से कार्यालय आदेश जारी किया गया. इसमें एएसपी को मंडलाधिकारी विशेष शाखा अभिसूचना विभाग की गोपनीय जांच में दोषी पाए जाने का जिक्र है. आदेश में कहा गया है कि एएसपी बलिया विजय त्रिपाठी बैरिया थाना क्षेत्र स्थित चकिया गांव निवासी विकास कुमार सिंह को खुफिया अधिकारी बताते थे, जबकि वह वाराणसी में दवा का व्यवसाय करता है.
विकास कभी लोगों को बताता था कि वह सचिवालय में ऊंचे पद पर कार्यरत है तो कभी बताता था कि वह रॉ में काम करता है. विकास जब भी अपने गांव चकिया आता था तो वह एएसपी अक्सर उससे मिलने उसके घर जाते थे और उसके घर खाना-पीना भी करते थे. एएसपी से अपनी नजदीकी होने का धौंस देकर उसके द्वारा पुलिस थानों पर काम कराए जाने की बात भी प्रकाश में आई.

एडीजी प्रशासन पीसी मीना ने जारी किया आदेश.

शासन की गोपनीय जांच में दो तत्कालीन थानाध्यक्ष नगर संजय सरोज और तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बैरिया शिव शंकर सिंह ने भी इसकी पुष्टि की. दोनों ने बताया कि एएसपी विकास को इंटेलीजेंस का अधिकारी बताते थे. जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने माना कि प्राइवेट व्यक्ति विकास कुमार सिंह के माध्यम से एएसपी विजय त्रिपाठी द्वारा धन लाभ की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. आदेश में कहा गया है कि एएसपी की यह कार्यशैली एवं आचरण पूर्णतया संदिग्ध है, जो राजपत्रित अधिकारी के शासकीय कर्तव्यों एवं दायित्वों के विपरीत है.
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