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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: हर वर्ष सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व नाग पंचमी से 2 दिन पूर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता के मुताबिक हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने घोर तप और तपस्या करके हरियाली तीज का व्रत रखा था. जिसके बाद उन्हें भगवान शंकर पति के रूप में मिले थे.

इस पर्व को महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को बेहतर और पति की लंबी दीर्घ आयु की कामना के लिए व्रत रखती है तो दूसरी तरफ कुंवारी कन्याएं सुयोग वर पाने के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे अगर आपकी नई शादी हुई है और आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही है, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यानअयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हरियाली तीज के दिन पहली बार अगर महिलाएं व्रत कर रही हैं तो उनको कई चीजों का पालन करना चाहिए. व्रत करने के साथ-साथ व्रत की कथा सुननी चाहिए. विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान शंकर और माता पार्वती जल्द प्रसन्न होते हैं.

अगर आपका हरियाली तीज का व्रत पहला है और आप पहली बार व्रत रखने जा रही हैं तो आपको ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान ध्यान करना चाहिए. उसके बाद महादेव की प्रतिमा स्थापित करने के साथ-साथ हरियाली तीज के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. सोलह श्रृंगार करके तैयार होकर पूजन अर्चन करना चाहिए.

पूजा करने के साथ-साथ काली मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाना चाहिए. इसके बाद एक चौक पर या प्रतिमा स्थापित करना चाहिए. लाल और पीले रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए.

इसके बाद महादेव शंकर को चंदन सफेद फूल धतूरा बेलपत्र और जल अर्पित करना चाहिए तथा माता पार्वती को लाल सिंदूर, लाल चुनरी, सोलह सिंगार, सुहाग का सामान, लाल फूल ,अक्षत इत्यादि को अर्पित करना चाहिए. धूप जलाकर हलवा पूरी अथवा खीर का भोग लगाना चाहिए.

अगर आप हरियाली तीज का व्रत रख रही है तो आपको इस दिन तीज की कथा सुनाई चाहिए. माता पार्वती को चढ़ा हुआ सिंदूर अपनी मांग में लगाना चाहिए. ऐसा करने से सुखद वैवाहिक जीवन में उन्नति मिलती है.

पूजा करने के बाद अपनी सास अथवा सास के समान बड़े बुजुर्गों को सुहाग का सामान भेंट करना चाहिए तो वही साय काल चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए.

नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है
.Tags: Ayodhya News, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 15, 2023, 17:04 IST

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