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रिपोर्ट : धीरेन्द्र शुक्ला

Chitrakoot : चित्रकूट की पावन धरती पर प्रभु श्री राम की तपोस्थली भाई लक्ष्मण और सीता का वनवास काल का सबसे लंबा एक इतिहास है. चित्रकूट में बस त्रेता युग नहीं बल्कि सतयुग में भी चित्रकूट की गाथा लिखी गई हो. जहां पर ब्रह्मा ने स्वयं यज्ञ किया हो. जहां पर माता अनुसुइया के लिए पानी की धारा निकली हो. जहां पर सरयू नदी मंदाकिनी नदी का उद्गम हुआ हो. ऐसे चित्रकूट में अब पर्यटन की दृष्टि से लोग विदेशों से चित्रकूट पहुंच रहे हैं. चित्रकूट आकर उनको सुख और शांति की अनुभूति हो रही है.

चित्रकूट मेंनीदरलैंड सेचार लोग एक साथ आए हुए हैं. जो यहां कि संस्कृती को जानने में लग हुए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि इस समय चित्रकूट विदेशी सैलानियों से भरा हुआ है. नीदरलैंड के साथी एक जगह डेरा डाले हुए हैं. सुबह सब एक साथ बुलेट औरडिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस होकर यहां कि गलियों में निकलते हैं. यहां की पल-पल की जानकारी लेने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी अपने देश यानी नीदरलैंड तक पहुंचाई है.

यहां के जलवायु के बारे में विचार किया

यह सब नजारा उस वक्त का था. जब चित्रकूट मेंनीदरलैंड के लोग भ्रमण कर रहे थे.इस भ्रमण के दौरान उन्होंने यहां के जलवायु के बारे में विचार किया. यहां के लोगों से मुलाकात भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां की जलवायु बहुत अच्छी है.

यहां बहुत आनंद आया. हम चित्रकूट में नदियों को देखने आए थे.चित्रकूट में कई नदियों का संगम है. चित्रकूट के पौराणिक कथाओं में उन नदियों का जिक्र भी है. जैसे गुप्त, गोदावरी, मां मंदाकिनी, सरयू नदी आदि तमाम ऐसी नदियां है. जो यमुना नदी में जाकर मिल जाती है. इन नदियों का जोड़ और इन नदियों के उद्गम के बारे में जानने के लिए नीदरलैंड के सैलानी बेताब थे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : February 25, 2023, 22:11 IST

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