26 नवंबर को प्रयागराज में ब्राह्मण महाकुंभ, विशेष लक्ष्य साधने परेड ग्राउंड में जुटेंगे लाखों,18 राज्यों के लोग होंगे शामिल

26 नवंबर को प्रयागराज में ब्राह्मण महाकुंभ, विशेष लक्ष्य साधने परेड ग्राउंड में जुटेंगे लाखों,18 राज्यों के लोग होंगे शामिल

[ad_1] हाइलाइट्सप्रयागराज में 26 नवंबर को ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन. परेड मैदान में 18 राज्यों से लाखों ब्राह्मण करेंगे शिरकत. ब्राह्मण महाकुंभ का उद्देश्य ब्राह्मणों में एकता स्थापित करना. प्रयागराज. संगम की धरती पर 26 नवंबर को ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा...
प्रयागराज में बेचा जा रहा था हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट, योगी सरकार का ताबड़तोड़ एक्शन, अब कानूनी कार्रवाई

प्रयागराज में बेचा जा रहा था हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट, योगी सरकार का ताबड़तोड़ एक्शन, अब कानूनी कार्रवाई

[ad_1] प्रयागराज. यूपी की योगी सरकार द्वारा हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई तेज कर दी है. शॉपिंग मॉल्स, शोरूम और दूसरे प्रतिष्ठानों में लगातार चेकिंग कराई जा रही है. दुकानों पर हलाल...
Chhath Puja 2023: प्रयागराज में छठ पूजा की रौनक, तैयारियों में जुटा निगम, यहां लगेगा मेला

Chhath Puja 2023: प्रयागराज में छठ पूजा की रौनक, तैयारियों में जुटा निगम, यहां लगेगा मेला

[ad_1] रजनीश यादव /प्रयागराज: हिंदू धर्म में त्योहारों का बहुत अधिक महत्व होता है. इस समय त्यौहार का सीजन भी चल रहा है. जिसमें एक के बाद एक त्योहार आते रहते हैं. जिनको मनाने की परंपरा भी खास होती है . इसी में एक त्यौहार है छठ पूजा. जिसको मनाने की परंपरा अपने आप में...
क्या है प्रयाग का अर्थ? क्यों पड़ा तीर्थों के राजा का नाम प्रयागराज? जानें पूरा इतिहास

क्या है प्रयाग का अर्थ? क्यों पड़ा तीर्थों के राजा का नाम प्रयागराज? जानें पूरा इतिहास

[ad_1] रजनीश यादव/प्रयागराज: प्रयागराज को समस्त तीर्थों का राजा कहा जाता है इसीलिए इसे तीर्थराज प्रयाग भी कहते हैं. इसका प्रयाग नाम पड़ने के पीछे की मुख्य वजह है कि पृथ्वी पर सबसे पहले यज्ञ प्रयागराज में ही किया गया. गंगा, यमुना और सरस्वती की पवित्र संगम पर सबसे पहले...
इस कुएं में है सभी तीर्थों का जल, यहां स्नान करने का हरिद्वार और प्रयागराज जैसा महत्व!

इस कुएं में है सभी तीर्थों का जल, यहां स्नान करने का हरिद्वार और प्रयागराज जैसा महत्व!

[ad_1] विकाश कुमार/चित्रकूट: भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट को भगवान श्री राम की वनवास नगरी के रूप में जाना जाता है. चित्रकूट जनपद में शहर मुख्यालय से 18 किलोमीटर एक ऐसा स्थान है. जहां सभी तीर्थ का जल एक कुएं में आज भी संग्रहित है. इसी कूप की वजह से कस्बे का नाम...