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धीर राजपूत/फिरोजाबाद: कहते हैं कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है और उसके बाद आपको एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है. फिरोजाबाद में भी गजक का कारोबार करने वाले एक परिवार का काफी पुराना स्ट्रगल रहा है. जहां कभी ठेले पर गजक को बेचना शुरू किया था और आज फिरोजाबाद की प्रसिद्ध चार दुकाने चल रही है. इनका बड़ा कारोबार है और उनके यहां कई सारे कारीगर भी काम करते हैं. शुरुआत में अकेले ही इन्होंने सारे कार्य किया और अब इनका बिजनेस लाखों में है.फिरोजाबाद में गजक का कारोबार करने वाले व्यापारी दीपक जैन ने बताया कि आज से लगभग 61 साल पहले उनके दादाजी सुमित प्रकाश जैन ने ठेले पर गजक के इस कार्य को शुरू किया था. उस वक्त घर की स्थितियां ठीक नहीं थी. गरीबों का दौर था लेकिन वह मेहनत से लगे रहे और मेहनत रंग लाई उनके बेटो ने भी इसी कार्य में हाथ बटाया और व्यापार को आगे बढ़ाया.आज लाखों का है इनका बिजनेसउनके यहां पहले दादाजी खुद गजक को बनाते थे. कोई भी कारीगर रखने के लिए पैसे नहीं थे. कभी-कभी तो रोटी के लिए भी परेशानी होती थी. वहीं उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे एक दुकान में इस कार्य को शुरू किया गया और व्यापार चलने लगा. आज उनकी चार दुकानें है और उनके यहां की कुल्फी और गजक फिरोजाबाद ही नहीं बल्कि भारत में मशहूर है और उनके इस कारोबार का लाखों का टर्नओवर है.हज़ार रुपए में शुरू किया था कामव्यापारी ने बताया कि उनके परिवार में गरीबी अधिक थी इसलिए पैसा कमाने के लिए भी कोई साधन नहीं थे लेकिन दादाजी ने हजार रुपए से इस कार्य को शुरू किया और धीरे-धीरे गजक का कारोबार चलने लगा. दादाजी खुद ठेले को लेकर गली-गली घूमते थे और गजक बेचा करते थे लेकिन उनके बेटों ने उनके साथ मेहनत की और आज वह खुद अपने इस करोबार को आगे बढ़ा रहे हैं..FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 20:19 IST

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